मध्य्प्रदेश

सड़क हादसों पर अंकुश लगाने स्पीड डिडेक्शन कैमरे का प्रस्ताव ठंड बस्ते में

भोपाल
राजधानी में वाहनों की हाई स्पीड ड्राइविंग पर अंकुश लगाने के स्पीड डिडेक्टशन कैमरे लगाए जाने का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। नतीजजन न तो सड़क हादसों में कमी नहीं आ पा रही है और न ही हाई स्पीडिंग पर चलान बन पा रहे है। इनता ही नहीं कोरोना वायरस के चलते ज्यादातर वाहनों पर रोक लगी है। बावजूद इसके वाहनों की आपसी भिडंत लॉकडाउन पीरियड में भी खत्म नहीं हुई हैं। जबकि वाहनों के हाई स्पीड परिचालन पर अंकुश लगाने के लिए टैÑफिक विभाग द्वारा स्पीड डिडेक्शन कैमरे लगाए जाने का प्रोपोजल  पिछले साल दिसंबर महीने में बनाया गया था,लेकिन विभागीय उदासीनता के चलते यह प्रस्ताव अभी भी ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है।

गौरतलब है कि शहर में वाहनो की हाई स्पीड नियंत्रित करने के लिए पायलेट प्रोजेक्ट के शहर के सात ब्लैक स्पॉटों पर स्पीड डिडेक्शन क ैमरे लगाए थे। ताकि वाहनों के ओवर स्पीड को कम किया जा सके और वाहन दुर्घटनों में कमी लाई जा सके,लेकिन इसके बाद से न तो इन कैमरों की बेहतर तरीके से देखरेख की जा रही है और न ही नए स्थानों पर एवं सर्वाधिक भीड़भाड़ वाले इलाके में ये कैमरे लगाए गए । इसके अलावा ट्रैफिक विभाग का मकसद भी सिर्फ चलानी कार्रवाई तक ही सिमट कर रह गया है।

शहर में वाहनों की स्पीड नियंत्रित करने के लिए सात स्थानों पर स्पीड डिडेक्शन कैमरे लगे हुए हैं। इनमें से वीआईपी रोड,लिंग रोड,गांधी नगर,लाल घाटी,आयोध्या नगर बायपास पर कैमरे लगाए हुए हैं। इनकी देखरेख स्मार्ट सिटी कंपनी के द्वारा की जा रही है।

शहर में वीआईपी रोड,लाल घाटी,एयरपोर्ट रोड,होशंगाबाद रोड,रायसेन रोड,वाल्मी रोड,पॉलिटेक्निक चौराहा,भदभदा रोड,कोलार रोड सहित अन्य इलाकों में युवा बाईकर्स गैग्स बाइक स्टंट करते देखे जा सकते हैं। ये शहर के सर्वाधित खतरनाक ब्लैक स्पॉट कैटेगरी में आते हैं।

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