मध्य्प्रदेश

केन-बेतवा लिंक परियोजना से बुंदेलखंड का जल संकट होगा समाप्त, पीएम नरेन्द्र मोदी ने कराया केन और बेतवा के जल का संगम

खजुराहो
 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मध्य प्रदेश के खजुराहो में केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना की नींव रखी। यह राष्ट्रीय नदी जोड़ो नीति के तहत पहली परियोजना है। इससे मध्य प्रदेश के 10 जिलों के 44 लाख और उत्तर प्रदेश के 21 लाख लोगों को पीने का पानी मिलेगा। इस परियोजना की लागत लगभग 44,605 करोड़ रुपये है। इससे 2,000 गांवों के 7.18 लाख किसान परिवारों को फायदा होगा। साथ ही, 103 मेगावाट जलविद्युत और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा भी बनेगी। यह परियोजना बुंदेलखंड का कायाकल्प करेगी।

बुंदेलखंडी बोली से भाषण की शुरुआत

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में बुंदेलखंडी बोली में किया, उन्होंने कहा- वीरों की धरती बुंदेलखंड में रहबे वाले, सबई जनन को हमारी तरफ से हाथ जोड़कर राम-राम पहुंचे। सीएम मोहन यादव की सरकार का एक साल पूरा हो गया है। इस एक साल में एमपी में विकास को एक नई गति मिली है। यहां आज हजारों करोड़ रुपये की विकास परियोजना की शुरुआत हुई है।

सुशासन पर लोगों को भरोसा है

पीएम ने कहा हमारे लिए सुशासन दिवस केवल एक दिन का कार्यक्रम नहीं है। यह भाजपा सरकारों की पहुंचान है। देश की जनता ने तीसरी बार केंद्र में भाजपा की सरकार बनाई। एमपी में आप सभी लगातार भाजपा को चुन रहे हैं। इसलिए क्योंकि सुशासन का भरोसा ही सबसे प्रबल है।

हमारी सरकार ने विकास में पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए

पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मैं विद्वानों से आग्रह करुंगा कि देश की आजादी से अब तक किसकी सरकार ने क्या काम किया। मैं दावे से कहता हूं, देश में जब-जब भाजपा को जहां-जहां भी सेवा करने का मौका मिला है, हमने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़कर जनहित के कार्यों में सफलता पाई है।

आजादी के बाद सबसे पहले नदी जल का महत्व बाबा साहब आंबेडकर ने समझा

पीएम ने कहा भारत के लिए नदी जल का महत्व सबसे पहले डॉ. भीमराव आंबेडकर ने समझा। भारत में जो नदी घाटी परियोजनाएं बनीं, इसके पीछे उन्हीं का विजन था। लेकिन कांग्रेस की सरकार ने उनके इस योगदान के लिए किसी को पता नहीं चलने दिया।

उन्होंने कहा कि कई राज्यों के बीच नदी जल को लेकर विवाद चल रहा है। जिस समय कांग्रेस की सकरार थी वो इस विवाद को सुलझा सकती थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। अटलजी की सरकार ने पानी से जुड़ी समस्याओं के निराकरण के लिए प्रयास किया, लेकिन उनकी सरकार जाते ही कांग्रेस ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा मध्य प्रदेश ऐसा पहला राज्य है, जहां नदियों को जोड़ने की दो परियोजनाएं चल रही हैं। 21वीं सदी में वहीं देश आगे बढ़ पाएगा जिसके पास पर्याप्त जल होगा। पानी होगा तभी खेत-खलिहान होंगे। पानी होगा तभी उद्योग-धंधे होंगे।

इसलिए खास है यह परियोजना

    केन बेतवा लिंक परियोजना के अंतर्गत पन्ना टाइगर रिजर्व में केन नदी पर 77 मीटर ऊंचाई एवं 2.13 किलोमीटर लंबाई के दौधन बांध बनाया जाएगा।

    2 टनल का निर्माण कर बांध में 2,853 मिलियन घन मीटर जल का भंडारण किया जाएगा।

    केन नदी पर दौधन बांध से 221 किमी लंबी लिंक नहर के द्वारा एमपी यूपी राज्यों के 14 जिलों को लाभ मिल सकेगा।

    मध्य प्रदेश के 10 जिले पन्ना, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, सागर, रायसेन, विदिशा, शिवपुरी एवं दतिया के 2 हजार ग्रामों में 8.11 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी। इससे लगभग 7 लाख किसान परिवार लाभान्वित होंगे।

    केन- बेतवा परियोजना से उत्तरप्रदेश में 59 हज़ार हेक्टेयर क्षेत्र में वार्षिक सिंचाई सुविधा होगी एवं 1.92 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मौजूदा सिंचाई का स्थिरीकरण किया जाएगा। जिससे उत्तरप्रदेश के महोबा, झांसी, ललितपुर एवं बांदा जिलों में सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी।

    परियोजना से मध्यप्रदेश की 44 लाख एवं उत्तर प्रदेशकी 21 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा मिल सकेगी। साथ ही परियोजना से 103 मेगावाट जल विद्युत एवं 27 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन होगा।

    परियोजना के अंतर्गत चंदेल कालीन तालाबों को सहेजने का कार्य होगा। मध्य प्रदेश के छतरपुर, टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिलों में चंदेल कालीन 42 तालाबों का मरम्मत जीर्णोधार किया जाएगा।

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में परियोजना के कियान्वयन के लिए मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री के मध्य 22 मार्च 2021 को त्रिपक्षीय सहमति ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया।

    केन बेतवा लिंक परियोजना की लागत राशि 44 हजार 605 करोड़ रूपये है।
    परियोजना का व्यय निर्धारण केन्द्र सरकार द्वारा 90 प्रतिशत एवं राज्य सरकार द्वारा 10 प्रतिशत के अनुपात में रहेगा।

    परियोजना से 8.10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिलेगी, 02 हजार ग्रामों के लगभग 7 लाख 18 हजार किसान परिवार लाभान्वित होंगे।

परियोजना से मिटेगा सूखा और पलायन का कलंक

बुंदेलखंड का सूखा और पलायन लोगों की कमर तोड़ता रहा है। परिवारों को पलायन करने पर यह सूखा मजबूर करता रहा है। लेकिन केन बेतवा परियोजना बुंदेलखंड के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

क्योंकि दौधन बांध से लेकर केन बेतवा तक परियोजना आकार लेगी और बुंलेखंड का सूखा मिटाएगी। सूखाग्रस्त बुंदेलखण्ड क्षेत्र में भूजल स्तर की स्थिति में सुधार, औद्योगीकरण, निवेश एवं पर्याटन को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

पीएम मोदी 'भागीरथ'
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने केन-बेतवा लिंक परियोजना के शिलान्यास समारोह में पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए उन्हें 'सरकार, समाज और व्यवस्था' पर ध्यान देने के लिए आदर्श बताया। उन्होंने पीएम मोदी के जयपुर वाले बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत को दूसरे देशों के लिए आदर्श बनना चाहिए। सीएम यादव ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने वर्षों तक राज्यों के बीच समन्वय नहीं बनाया और बुंदेलखंड की तरफ ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा, 'वे कभी बुंदेलखंड का भला नहीं सोचते हैं। जो हो रहा है यह सिर्फ मोदीजी ही कर सकते हैं।'

रैली में पहले पहुंचे सीएम यादव
कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने शिरकत की। उनके साथ कई मंत्री और वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे। इस कार्यक्रम में दोनों उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा भी शामिल हुए। कई कैबिनेट मंत्री जैसे प्रहलाद पटेल, राकेश सिंह, तुलसी सिलावट और इंदल सिंह कंसाना भी मंच पर उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने इस परियोजना के लिए पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया और कांग्रेस पर बुंदेलखंड की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। सीएम यादव ने ढाई लाख लोगों को नौकरी देने का भी वादा किया। इस मौके पर पीएम मोदी को भगवान राम के बाल रूप की मूर्ति भेंट की गई।

काले कपड़ों पर बैन
रैली में आने वाले लोगों के लिए काले कपड़ों पर बैन लगाया गया है। वीवीआईपी मूवमेंट को देखते हुए सुरक्षा के चाक चौबंद इंतेजाम किए गए हैं।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी 25 दिसंबर को छतरपुर में इस परियोजना का शिलान्यास करेंगे। यह परियोजना मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र की तस्वीर और तकदीर बदल देगी। मुख्यमंत्री ने कहा, 'इस परियोजना की आधारशिला रखने के लिए प्रधानमंत्री मोदी 25 दिसंबर को छतरपुर जिले के खजुराहो में आएंगे। यह परियोजना मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के बुंदेलखंड की तस्वीर और तकदीर बदल देगी। यह परियोजना केंद्र सरकार, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच सहयोग का एक बेहतरीन उदाहरण है। प्रधानमंत्री मोदी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नदी जोड़ो अभियान के सपने को पूरा कर रहे हैं।'

क्या होगा फायदा?
केन-बेतवा लिंक परियोजना से किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिलेगा। पीने के पानी और उद्योगों के लिए भी पानी उपलब्ध होगा। इससे क्षेत्र का आर्थिक और सामाजिक विकास होगा। पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। सूखाग्रस्त बुंदेलखंड क्षेत्र में भूजल स्तर में भी सुधार होगा। इस परियोजना के तहत पन्ना बाघ अभयारण्य में केन नदी पर 77 मीटर ऊंचा और 2.13 किलोमीटर लंबा दौधन बांध बनाया जाएगा। साथ ही, दो सुरंगें भी बनाई जाएंगी। यह बांध पानी को स्टोर करेगा और उसे जरूरत के हिसाब से छोड़ा जाएगा।

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