सिंधिया का जोर अब मंत्रियों को बड़े जिलों के प्रभार दिलाने पर, जोर आजमाईश तेज

भोपाल
मंत्रियों को विभाग बंटने के बाद अब जहां सरकार में सिंधिया समर्थकों के एडजस्टमेंट का काम पूरा हो गया है वहीं संगठन में भी अब जोर आजमाईश तेज हो गई है। इसकी वजह ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा अपने करीबियों को संगठन में भी बड़े पद दिलाना मानी जा रही है। सिंधिया का जोर अब अपने करीबी मंत्रियों को बड़े जिलों के प्रभार दिलाने पर भी रहेगा।
सिंधिया के भाजपा में आने के बाद प्रदेश भर से उनके समर्थक कांग्रेस का दामन छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए हैं। शिवराज सरकार में प्रतिनिधित्व का काम पूरा होने के बाद अब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा अपनी कार्यकारिणी घोषित करने वाले हैं। इस कार्यकारिणी में भाजपा संगठन ने उन सीनियर विधायकों और पार्टी नेताओं को जिम्मेदारी देने के लिए आश्वस्त किया है जो मंत्री नहीं बन सके हैं।
बताया जाता है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान की तरह प्रदेश अध्यक्ष शर्मा को भी कार्यकारिणी घोषित करने में सभी को एडजस्ट करना होगा। इसलिए अब भाजपा के साथ सिंधिया समर्थक नेताओं का फोकस संगठन पर होगा। पार्टी सूत्रों के अनुसार सिंधिया ने संगठन को साफ कर दिया है कि संगठन के बड़े पदों पर उनके करीबी समर्थकों को जिम्मेदारी सौंपी जाए। ऐसे में संगठन के पदों को लेकर भी खींचतान की स्थिति बनना तय मानी जा रही है। दूसरी ओर भाजपा के सीनियर नेता भी अब संगठन में पद पाने का इंतजार कर रहे हैं। उन सबको संतुष्ट करना भी संगठन के लिए चुनौती भरा होगा।
मंत्री और विभाग वितरण की प्रक्रिया पूरी करने के बाद सीएम शिवराज जल्द ही मंत्रियों को जिलों की जिम्मेदारी सौंपने वाले हैं। जिलों का प्रभार देकर सीएम चौहान मंत्रियों की जिलों के विकास और अन्य जिम्मेदारियां भी तय करते हैं। अब कांग्रेस के बागी और सिंधिया समर्थक मंत्री तथा भाजपा के नेता बड़े जिलों के प्रभार के लिए जोर आजमाईश में जुट गए हैं। हालांकि यह भी चर्चा है कि सिंधिया समर्थक मंत्रियों को सीएम चौहान पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के ज्यादा प्रभाव वाले जिले छिंदवाड़ा और अन्य की जिम्मेदारी भी सौंप सकते हैं। जो छह मंत्री कमलनाथ सरकार में थे वे अपने पुराने जिलों को प्रभार में वापस पाने की कोशिश में जुटे हैं।