भोपाल
प्रदेश के विभिन्न थानों में वर्षों से लंबित पड़े अपहरण के मामलों का निराकरण कैसे किया जाए इस पर इन दिनों पुलिस मुख्यालय में विचार-विमर्श चल रहा है। इस संबंध में पुलिस मुख्यालय ने भोपाल-इंदौर डीआईजी सहित प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों को जानकारी तलब की है। जिस पर इसी महीने निराकरण को लेकर रास्ता निकाला जाना है।
पुलिस मुख्यालय ने तय किया है कि कई वर्षों से लंबित गुम इंसान और अपहरण के मामलों का अब निराकरण किया जाए। इसके लिए सभी जिलों से मशवरा चाहा गया है। इसके लिए सभी जिलों को अपने यहां के विभिन्न थानों में दर्ज अपहरण और गुमशुदगी के मामलों की जानकारी पुलिस मुख्यालय को उपलब्ध कराना होगी। खासकर ऐसे मामले जो कई वर्षों से लंबित हैं और पुलिस उनमें गुम या अपहरण हुए व्यक्ति का पता नहीं लगा सकी है।
इसलिए बढ़ी चिंता: दरअसल बच्चों के गुमने और अपहरण होने की एफआईआर के चार महिने के भीतर यदि पुलिस बच्चे को बरामद नहीं कर सकती तो मामला मानव दुर्व्यापार निवारण इकाई को चला जाता है। जिसकी विवेचना सीधे पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में होती है। इसके बाद भी कई मामले कई वर्षों से प्रदेश में लंबित हैं। वहीं किसी भी परिपत्र में पुलिस मुख्यालय के पास यह निर्देश नहीं है कि गुम इंसान के न मिलने की दशा में जांच कब बंद की जाना चाहिए। इसलिए अब पुलिस मुख्यालय इन मामलों का निराकरण को लेकर चेता है।