मध्य्प्रदेश

शिवराज कैबिनेट के विस्तार के साथ निगम, मंडल, में भी सिंधिया के समर्थक

भोपाल
शिवराज कैबिनेट के विस्तार के साथ निगम, मंडल, प्राधिकरण, बोर्ड में भी सिंधिया के समर्थक खुद को एडजस्ट कराने की जुगत में हैं। चूंकि सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी के इस्तीफे के बाद उन्हें खाद्य व नागरिक आपूर्ति निगम और निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल को मध्यप्रदेश खनिज विकास निगम का अध्यक्ष बनाकर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे दिया है। इसलिए अब इन नियुक्तियों का रास्ता भी खुल गया है। उधर भाजपा के भी पदाधिकारियों को इन पदों पर मौका दिए जाने की आस जगी है।

मंत्रिमंडल विस्तार के बाद जिस तेजी से शिवराज सरकार ने निगम, मंडल, बोर्ड, प्राधिकरण, आयोग में पदों की नियुक्तियों को लेकर सक्रियता दिखाई है, उसके बाद अब भाजपा में इन पदों के लिए उम्मीद लगाए नेताओं में आशा की किरण जागी है। ये संगठन के माध्यम से खुद को पैनल में शामिल कराने और नियुक्तियां पाने की जुगाड़ में जुट गए हैं। आयोग के कई संवैधानिक पदों पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने इस्तीफा देने से पहले नियुक्तियां कर दी थीं, ऐसे में उन पदों पर तो कांग्रेस के लोग की एडजस्ट रहेंगे पर जो संवैधानिक पदों के दायरे में नहीं हैं, वहां नियुक्तियां होना तय है। कई निगम-मंडलों में तो विधायक भी दावेदारी कर रहे हैं। दूसरी ओर सिंधिया के साथ कांग्रेस से आए नेता भी इन्हीं में अपने लिए पदों की तलाश में जुटे हैं और सिंधिया के जरिये पद पाने की आस लगाए हैं।

भाजपा में प्रदेश महासचिव के चार पद हैं। इन पदों को लेकर भी भाजपा में आए सिंधिया समर्थकों की दावेदारी जताई जा रही है। इसके अलावा उपाध्यक्ष और कार्यकारिणी के अन्य ऐसे महत्वपूर्ण जो भाजपा संगठन के लिहाज से महत्वपूर्ण माने जाते हैं, उन पर भी सिंधिया समर्थकों की निगाहें हैं। इन समर्थकों को भाजपा के सहयोगी संगठनों चिकित्सा प्रकोष्ठ, व्यापारी प्रकोष्ठ, भाजयुमो, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ, अजा-अजजा प्रकोष्ठ, महिला मोर्चा समेत सभी मोर्चा और प्रकोष्ठ में एडजस्ट करने की कवायद पार्टी को करना होगी। सिंधिया के समर्थक जिलों में जिला कार्यकारिणी और मंडल कार्यकारिणी के साथ बूथ व विधानसभा स्तर की कार्यकारिणी में भी स्थान दिए जाने की मांग कर रहे हैं।

माना जा रहा है कि प्रदेश संगठन आगामी एक माह के भीतर इन सबकी कवायद पूरी कर लेगा ताकि ऐन चुनाव के समय तक भाजपा के सीनियर नेताओं के एडजस्टमेंट के साथ सिंधिया समर्थकों को भी मौका दिया जा सके।

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