हेल्थ

तनाव के कारण होता है हेयर लॉस

तनाव आमतौर पर सेहत के लिए हानिकारक होता है। इससे न केवल हृदय से जुड़ी बीमारियां पैदा होती हैं, बल्कि हेयर लॉस भी तेजी से होता है। वैसे तो हर किसी के बाल रोजाना ही टूटते हैं लेकिन तनाव के कारण हेयर लॉस तेजी से होता है। इससे सिर के बचे बाल भी कमजोर हो जाते हैं।

वैसे तो हेयर फॉल एक आम समस्या है। लेकिन यह तब बड़ी हो जाती है जब सिर पर बाल दोबारा उगते ही नहीं हैं। हेयर फॉल और हेयर लॉस के बीच यही बड़ा अंतर है। हेयर फॉल डैंड्रफ और मौसम बदलने जैसे बाहरी कारणों से होता है। जबकि हेयर लॉस आंतरिक कारणों और हार्मोन में बदलाव के कारण होता है। आइए जानते हैं स्ट्रेस के कारण होने वाले हेयर लॉस के बारे में।

अधिक तनाव लेने के कारण हेयर फॉलिकल सक्रिय नहीं हो पाते हैं। इसके कारण रोजाना 100 से अधिक बाल टूटते हैं। ऐसे हेयर फॉल को टेलोजेन एफ्लुवियम कहते हैं। इस बीमारी में बालों में तेज खिंचाव होता है। तनाव और चिंता के कारण न केवल सिर के बाल टूटते हैं बल्कि भौहों और पलकों के बाल भी तेजी से टूटते हैं।

यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम हेयर फॉलिकल पर अटैक करना शुरू कर देता है। इससे गंजेपन की समस्या होती है।

तनाव के कारण हेयर लॉस होने से समय से पहले बाल सफेद होने लगते हैं। आजकल हर कोई तनाव से ग्रस्त है। इसके कारण युवाओं में बाल सफेद होने की समस्या बढ़ रही है।

अगर आप अधिक स्ट्रेस लेते हैं तो आपको गंजेपन की समस्या हो सकती है। हालांकि तनाव के कारण हेयर लॉस होने पर बाल दोबारा आ सकते हैं।

स्ट्रेस से पीड़ित व्यक्ति के सिर में पहले की अपेक्षा हेयर वॉल्यूम घटता जाता है। हालांकि यह बहुत धीमी गति से होता है और हमें पता नहीं चल पाता है।

बालों से जुड़ी कई समस्याएं एंटी हेयर फॉल प्रोडक्ट से ठीक हो जाती हैं। लेकिन तनाव के कारण होने वाले हेयर लॉस को रोकने में कोई भी हेयर प्रोडक्ट यूजफुल नहीं होता है।

यदि तनाव के कारण आपको इन लक्षणों का सामना करना पड़ता है, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। स्ट्रेस के कारण होने वाले हेयर लॉस को उचित इलाज से ठीक किया जा सकता है।

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