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डिलीवरी के बाद जोड़ों में दर्द से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय

डिलीवरी के बाद जोड़ों में दर्द से छुटकारा पाने के घरेलू उपायगर्भावस्‍था के बाद महिलाओं के जोड़ों और हड्डियों में काफी कमजोरी आ जाती है। कई बार गर्भावस्‍था में शारीरिक बदलावों की वजह से भी जोड़ों और मांसपेशियों पर असर पड़ता है और प्रेगनेंसी के कई हफ्ते या महीने तक ऐसा रह सकता है। अगर आपको प्रेगनेंसी के बाद जोड़ों में दर्द या मासंपेशियों में दर्द या अर्थराइटिस की समस्‍या है तो जानिए कि किस तरह आप इस दर्द से छुटकारा पा सकती हैं।

​डिलीवरी के बाद जोड़ों में दर्द का कारण
गर्भावस्‍था के दौरान महिलाओं का काफी वजन बढ़ जाता है और यही डिलीवरी के बाद जोड़ों में दर्द का प्रमुख कारण है। प्रेगनेंसी के दौरान शिशु के वजन को उठाने के लिए शरीर हर संभव प्रयास कर रहा होता है इसलिए जोड़ों पर दबाव पड़ने के कारण दर्द होना लाजिमी है।

कुछ मांओं को तेज दर्द और अर्थराइटिस के कारण डिलीवरी के बाद अर्थराइटिस हो जाता है जिससे जोड़ों में दर्द महसूस होता है। अगर आपको पहले जोड़ों में कोई चोट लगी थी तो इसकी वजह से डिलीवरी के बाद इनमें तेज दर्द उठ सकता है।

​जोड़ों में दर्द क्यों होता है
गर्भावस्‍था में और डिलीवरी के बाद मां और शिशु के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए जरूरी हार्मोंस बनते हैं। इन हार्मोनों की वजह से लिगामेंट को आराम मिलता है और मां शिशु के वजन को सहत करते हुए डिलीवरी तक पहुंच पाती है। डिलीवरी के बाद लिगामेंट को सामान्‍य पोजीशन में आने में समय लगता है जिससे जोड़ों में दर्द पैदा होता है।

​डिलीवरी के बाद कब तक रहता है जोड़ों में दर्द
किसी भी बीमारी या स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या से रिकवरी करना व्‍यक्‍ति की स्‍वास्‍थ्‍य स्थिति पर निर्भर करती है। आमतौर पर जोड़ों के दर्द से कुछ हफ्तों में आराम मलि जाता है लेकिन कुछ गंभीर मामलों चार से छह महीनों तक दर्द रह सकता है।

अगर महिला को प्रेगनेंसी के दौरान कोई समस्‍या नहीं हुई हो और डिलीवरी ठीक रही हो तो दर्द से उबरने की संभावना ज्‍यादा होती है। डिलीवरी के बाद अच्‍छी देखभाल और पिछली किसी चोट और स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या का पता लगाकर आप जान सकती हैं कि दर्द से कब तक छुटकारा मिलेगा।

​जोड़ों में दर्द दूर करने के घरेलू उपाय
रोज हल्‍की एक्‍सरसाइज करें। आपको बस ऐसी एक्‍सरसाइज करनी हैं जिनकी मदद से शरीर एक्टिव रहे। इससे जोड़ों में दर्द कम होता है। एक्‍सरसाइज से जोड़ों पर दबाव नहीं पड़ता।
दर्द को कम करने के लिए गर्म या ठंडी सिकाई भी कर सकती हैं। बर्फ की सिकाई से भी दर्द कम होता है। प्रभावित हिस्‍से बर्फ या गर्म बैग सीधा न लगाएं बल्कि तौलिए में आईस बैग को लपेटकर लगाएं।

शरीर की मालिश करने से अच्‍छा और कोई उपाय नहीं है। जोड़ों की मालिश करवाएं। आप किसी तेल या ऑइंटमेंट से भी मालिश कर सकती हैं।

​एक्‍यूपंक्‍चर भी है इलाज
जोड़ों में दर्द से छुटकारा पाने के लिए कुछ महिलाओं को एक्‍यूपंक्‍चर से भी आराम मिल सकता है। आप घर पर भी एक्‍यूपंक्‍चर कर सकती हैं। एक्‍यूपंक्‍चर की तकनीक से शरीर की विशेष बिंदुओं को दबाया जाता है जिससे दर्द में कमी आती है।

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