हेल्थ

गुणों से भरपूर है सरसों का तेल, मौसमी दिक्कतों से बचने में कारगर

मौसमी बीमारियों जैसे कि सर्दी, जुकाम, फ्लू आदि के साथ ही बरसात के मौसम में फंगल इंफेक्शन और बैक्टीरियल इंफेक्शन होने का खतरा भी बहुत अधिक रहता है। खासतौर से उस स्थिति में जब आप अधिक देर तक पानी में रहने के काम करते हैं या बारिश के पानी में भीगने के बाद किसी भी वजह से लंबे समय तक गीले कपड़ों में ही रह जाते हैं।

इन स्थितियों में गले और फेफड़े से जुड़े इंफेक्शन बहुत तेजी से पनपते हैं। साथ ही पनपती हैं खुजली, रैशेज और फंगस जैसी दिक्कतें। इनके चलते आराम से बैठना और लेटना मुश्किल हो जाता है। क्योंकि इनमें हो रही खुजली किसी भी काम में ध्यान नहीं लगाने देती और ना ही आराम करने देती है। इस तरह की सभी स्थितियों से बचने के लिए सरसों का तेल बहुत अधिक सहायक है। यहां जानें इसके उपयोग की विधियां और लाभ…

-अगर आपको बरसात के कारण या अन्य किसी मौसम जनित समस्या के चलते लगातार छींक आना, नाक बहना या नाक के जरिए सांस ना ले पाने की समस्या हो रही हो तो आपको दिन में कम से कम 3 बार नाक के दोनों नॉस्टल्स में सरसों का तेल लगाना चाहिए।

-सरसों का तेल ऐंटिबैक्टीरियल खूबियों से भरपूर होता है। यह बैक्टीरिया को खत्म करके इंफेक्शन से मुक्ति दिलाता है। साथ ही नाक के अंदर स्थित सूक्ष्म छिद्रों की को नमी देकर उनकी ड्राईनेस दूर करने का कार्य करता है। इससे नाक में खुजली और सूखापन जैसी दोनों समस्याओं का अंत हो जाता है।

-यदि आपके गले में सूजन, जलन, खराश, निगलने में दिक्कत जैसी समस्याएं हो रही हैं और इन सभी कारण अगर खान-पान में हुई लापरवाही है तो आप रात को सोते समय गले पर हल्के गुनगुने सरसों तेल को लगा लें। साथ ही यह तेल नाक के दोनों सुरों में भी लगा लें। आपके गले में होनेवाली समस्याओं में राहत का अनुभव होगा।

-सरसों तेल में ऐंटिइंफ्लामेट्री प्रॉपर्टीज होती हैं। यानी शरीर की सूजन को दूर करनेवाले तत्व इस तेल में होते हैं। इसलिए यह कुछ भी खाते समय गले में हो रही दिक्कतों को दूर करने में सहायता करता है।

– अगर बार-बार बारिश में भीगने या कपड़ों के गीलेपन या मौसम की नमी के चलते आपको त्वचा पर खुजली और रैशेज की समस्या हो रही है तो आप एक बड़े चम्मच सरसों तेल में 5 कलियां लहसुन की डालकर इस तेल को पका लीजिए।

-ठंडा होने पर इस तेल से अपने पूरी शरीर की मसाज दिन में दो बार करिए। खासतौर पर रात को सोने से पहले इस तेल की मालिश जरूर करें। आपको यह तेल कम मात्रा में ही शरीर पर लगाना है ताकि चिपचिपाहट ना हो। मात्र 5 से 7 दिन के अंदर ही आपकी समस्या तो दूर हो ही जाएगी साथ ही आपको अपनी त्वचा में एक अलग निखार नजर आएगा।

-बरसात के मौसम में ज्यादातर लोगों को पैर की उंगलियों के बीच खारिश होने, नाखून के पास तेज जलन होने या तलुओं में खुरदरापन होने की शिकायत हो जाती है। इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए आप सरसों के तेल का उपयोग कर सकते हैं।

-इसके लिए आपको एक बड़े चम्मच सरसों तेल में आधा छोटा चम्मच अजवाइन डालकर पकानी होगी। जब यह तेल पक जाए तो इसे ठंडा करके छान लें। अब इस तेल से रात को सोते समय पूरे पैरों की मालिश करें। त्वचा से जुड़ी सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी।

-सरसों तेल में ऐंटिफंगल प्रॉपर्टीज होती हैं। जो त्वचा पर किसी भी तरह के फंगस को बढ़ने नहीं देती हैं। साथ ही यह तेल हमारी त्वचा के रोमछिद्रों द्वारा सोख लिया जाता है। तो स्किन के अंदर जाकर इसकी कोशिकाओं को रिपेयर करने का काम भी करता है।

-सरसों तेल की मालिश से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है। त्वचा की कोशिकाओं की तेजी से हीलिंग होती है। इस कारण ऐंटिफंगल, ऐंटिबैक्टीरियल और ऐंटिइंफ्लामेट्री…इन सभी तरह की समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए सरसों का तेल एक रामबाण औषधि है।

-खास बात यह है कि आमतौर पर सभी घरों में सरसों का तेल उपलब्ध होता है तो यह एक ऐसी औषधि है, जिसे आप जब चाहे तब आवश्यकता पड़ने पर आसानी से उपयोग कर सकते हैं।

Back to top button