धर्म

अप्रैल 2025 में चतुर्थी व्रत कब-कब रखा जाएगा? यहां जानें डेट और मुहूर्त

कुंडली में बुध ग्रह मजबूत करने के लिए ज्योतिष में भगवान गणेश की पूजा करने और उनके निमित्त व्रत रखने की सलाह दी जाती है. धार्मिक मान्यता है कि कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होने से व्यक्ति को कारोबार में मनचाही सफलता मिलती है और बिगड़े हुए काम भी बन जाते हैं. हर माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश के निमित्त व्रत रखा जाता है और उनकी विशेष पूजा की जाती है.

चतुर्थी का दिन भगवान गणेश की आराधना और उनकी कृपा पाने के लिए सबसे शुभ माना गया है. ऐसा कहा जाता है कि चतुर्थी व्रत करने से जीवन के सभी संकटों से मुक्ति मिलती है और सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं. हर चतुर्थी का अपना विशेष महत्व होता है और भगवान गणेश के अलग-अलग स्वरूपों की आराधना की जाती है. अगर आप भी गणपति बप्पा का व्रत रखना चाहते हैं, तो चलिए जानते हैं कि अप्रैल में चतुर्थी व्रत कब-कब रखा जाएगा.

अप्रैल में चतुर्थी व्रत कब-कब रखा जाएगा?
अप्रैल में एक विनायक चतुर्थी व्रत रखा जाएगा और एक संकष्टी चतुर्थी व्रत. अप्रैल में चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर विनायक चतुर्थी व्रत रखा जाएगा. वहीं, अप्रैल में इसके बाद वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाएगा. आइए इनकी सही डेट और मुहूर्त जान लेते हैं.

अप्रैल का पहला चतुर्थी व्रत कब है?
वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 1 अप्रैल को सुबह 5:42 मिनट पर शुरू होगी. वहीं, इस चतुर्थी तिथि का समापन 2 अप्रैल को देर रात 02:32 मिनट पर होगा. ऐसे में चैत्र विनायक चतुर्थी का व्रत 1 अप्रैल को रखा जाएगा.

अप्रैल का दूसरा चतुर्थी व्रत कब है?
वैदिंक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 16 अप्रैल को दोपहर 1:17 बजे से शुरू होगी और 17 अप्रैल को दोपहर 3:23 मिनट पर इस तिथि का समापन होगा. ऐसे में वैशाख संकष्टी चतुर्थी का व्रत 16 अप्रैल को रखा जाएगा.

चतुर्थी व्रत का महत्व
धार्मिक मान्यता है कि चतुर्थी का व्रत भगवान गणेश की कृपा पाने के लिए बहुत शुभ माना गया है. इस दिन गणपति बप्पा की पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सुख-शांति का माहौल बना रहता है. चतुर्थी का व्रत रखने से न सिर्फ संकटों से मुक्ति मिलती है, बल्कि यह व्रत व्यक्ति के जीवन को सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करता है.

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