रायपुर। हमारी नई औद्योगिक नीति के केंद्र में बस्तर है। खनिज संसाधनों और प्रचुर प्राकृतिक संपदा से भरा यह इलाका विकास की विपुल संभावनाएँ अपने भीतर समेटे हुए है। माओवाद बस्तर के विकास की राह में कांटे की तरह चुभ रहा था और नक्सलवादी आतंक ने बस्तर के विकास को जकड़ कर रखा था। हमने संकल्प लिया कि बस्तर को मुख्यधारा में लाएँगे और इसे विकसित छत्तीसगढ़ की केंद्रीय धुरी बनाएंगे। हमारे बहादुर जवानों और बस्तरवासियों ने साहस और दृढ़ संकल्प से माओवाद का मुकाबला किया और आज बस्तर माओवाद के काले इतिहास को मिटाकर निवेश का स्वर्णिम अध्याय लिखने की राह पर आगे बढ़ रहा है। मार्च 2026 तक माओवाद की बची-खुची निशानियाँ भी समाप्त हो जाएंगी और नक्सलमुक्त बस्तर और भी तेजी से विकास की राह पर आगे बढ़ेगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज जगदलपुर में छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जापान के टोक्यो, ओसाका और दक्षिण कोरिया के सियोल के बाद इंवेस्टर्स कनेक्ट कार्यक्रम की अगली श्रृंखला के लिए हमने बस्तर संभाग का चुनाव किया और हमें खुशी है कि इतनी जल्दी यह आयोजन हम कर सके। यह बुलेट ट्रेन की रफ्तार का दौर है और इस रफ्तार से कदमताल करते हुए विकसित भारत–विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण करने हमने नई औद्योगिक नीति का निर्माण किया है। हमारी यह नीति यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा दिखाए गए सुशासन के परफार्म, रिफार्म और ट्रांसफार्म के मंत्र पर तैयार की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर भारत का स्वर्ग है और इसे देखने बड़े पैमाने पर लोग आएँ, इसके लिए पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है। जो उद्यमी बस्तर में पर्यटन क्षेत्र में निवेश करेंगे, उन्हें 45 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। इससे होटल इंडस्ट्री, इको-टूरिज्म, वेलनेस, एडवेंचर स्पोर्ट्स आदि क्षेत्रों में निवेश के स्वर्णिम अवसर बनेंगे। होम स्टे पर विशेष अनुदान से स्थानीय उद्यमशील लोगों को भी पर्यटन क्षेत्र में अवसर मिल रहे हैं। बस्तर में वनोपज प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं और इनके प्रसंस्करण से जुड़ी यूनिट लगाने पर विशेष प्रावधान किए गए हैं। इसी तरह एग्रो इंडस्ट्री पर भी विशेष फोकस है। सबसे खास बात यह है कि बस्तर में स्किल डेवलपमेंट पर सबसे अधिक जोर दिया जा रहा है। कोर इंडस्ट्री और नये दौर के उद्योगों के अनुरूप बस्तर के सभी 32 ब्लॉकों में स्किल डेवलपमेंट सेंटर बनाए जा रहे हैं। बस्तर के युवा मेहनती और प्रतिभाशाली हैं, निश्चित ही उद्योगों को स्किल्ड मानव संसाधन की कमी नहीं होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर के उद्यमशील युवाओं को केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं से पूंजी, स्किल और काउंसलिंग दी जा रही है। इसके चलते नया उद्यमी वर्ग तेजी से उभर रहा है। बस्तर में पर्याप्त संसाधन हैं। उद्योग लगाने पर कच्चे माल की लागत कम होगी। पोर्ट सिटी से कनेक्टिविटी है, निर्यात में भी कोई कठिनाई नहीं होगी। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि औद्योगिक नीति में जो विपुल प्रोत्साहन हैं उनका लाभ उठाने का यह स्वर्णिम अवसर है। बस्तर ने निवेश के लिए रेड कारपेट बिछा दिया है और विकास के लिए टेकऑफ करने वाला है। आप सभी बस्तर की सफलता की इस उड़ान में शामिल हों। बस्तर में निवेश करें, यहाँ निवेश का भविष्य बेहद उज्ज्वल है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने कहा कि प्रदेश की नई औद्योगिक नीति निवेशकों के लिए आकर्षक और लाभकारी साबित हो रही है। अब तक 6.95 लाख करोड़ रुपए का निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, जिससे प्रदेश के औद्योगिक विकास को नई दिशा मिली है। उन्होंने कहा कि बस्तर में अधिक से अधिक निवेश होने से यहाँ के युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। आईटी सेंटर सहित अन्य अधोसंरचना विकसित की गई है और उद्योगों को अनुदान की व्यवस्था भी की गई है।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री एवं प्रभारी मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि बीजापुर में पहली बार राइस मिल की स्थापना हो रही है। उन्होंने बताया कि जगरगुंडा की इमली मंडी, जो वर्षों से बंद थी, को फिर से चालू कराया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रयासों से राज्य की औद्योगिक नीति की सराहना दक्षिण कोरिया में भी हुई है, जिससे छत्तीसगढ़ को वैश्विक मंच पर नई पहचान मिली है।
कार्यक्रम में 34 उद्योगों की स्थापना के लिए प्रोत्साहन प्रमाणपत्र वितरित किए गए।
वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के सचिव रजत कुमार ने वीडियो प्रजेंटेशन के माध्यम से राज्य की औद्योगिक नीति और बस्तर संभाग में उभरती संभावनाओं का विस्तार से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि बस्तर की समृद्धि के लिए पर्यटन और छोटे उद्योगों को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है। साल बीज और इमली जैसे उत्पादों की देशव्यापी आपूर्ति में बस्तर की प्रमुख भूमिका है, जिनका उपयोग कॉस्मेटिक उद्योग में किया जाता है।
कार्यक्रम में विशेष रूप से नक्सल पीड़ित परिवारों के लिए विशेष अनुदान की घोषणा की गई। यदि वे उद्योग स्थापित करना चाहते हैं, तो उन्हें अतिरिक्त प्रोत्साहन मिलेगा। पर्यटन, कृषि-बागवानी, इलेक्ट्रॉनिक और फार्मास्युटिकल जैसे क्षेत्रों में निवेश करने पर भी विशेष अनुदान और छह वर्षों तक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। स्थानीय लोगों को उद्योग स्थापित करने और रोजगार सृजन में प्राथमिकता दी जाएगी तथा शासन-प्रशासन पूरा सहयोग करेगा।
इस अवसर पर एनएमडीसी द्वारा विशेष प्रस्तुतिकरण कर छत्तीसगढ़ के औद्योगिक और सामाजिक विकास में अपनी सहभागिता को प्रदर्शित किया गया।
बस्तर इन्वेस्टर कनेक्ट कार्यक्रम में निवेशकों का अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिला। कार्यक्रम का शुभारंभ कमिश्नर बस्तर डोमन सिंह के स्वागत भाषण से हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, सुशासन तथा अभिसरण के सचिव राहुल भगत, बस्तर संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर और बड़ी संख्या में निवेशक उपस्थित थे।