रायपुर। मंत्री रामविचार नेताम के खिलाफ फर्जी शिकायत करने वाले आरोपियो के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है। आरोपियों ने हिंदू जनजागृति समिति महाराष्ट्र् और छतीसगढ़ के समन्वयक सुनील घनघट के लेटरहेड पर फर्जी हस्ताक्षर कर यह शिकायत की थी। जांच में पता चला है कि यह शिकायत फर्जी थी। रायपुर के कारोबारी राहुल हरितवाल की शिकायत पर राखी थाना पुलिस ने अपराध दर्ज कर मामले की जाँच में जुट गई है।
जानिए क्या है पूरा मामला
25 अप्रैल 2025 को प्रधानमंत्री कार्यालय और अन्य वरिष्ठ कार्यालयों को शिकायत से भरा डाक भेजा गया था। डाक में मंत्री रामविचार नेताम के खिलाफ भ्रष्टाचार के झूठे आरोप लगाये गये थे। आरोपियों ने यह शिकायत हिंदु जनजागृति समिति महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के समन्वयक सुनील घनघट के लेटरहेड पर तैयार कर की थी।
फर्जी हस्ताक्षर कर हिंदु जनजागृति समिति महाराष्ट्र के लेटरहेड से की गई शिकायत
”मंत्री के खिलाफ शिकायत की जानकारी मिलने के बाद रायपुर के करोबारी राहुल हरितवाल ने लेटर हैड में लिखे नाम के व्यक्ति सुनील घनवट से संपर्क कर उनसे इस शिकायत के बारे में पूछताछ की। सुनील घनवट ने इस तरह की किसी भी शिकायत से इनकार किया। उन्होने तत्काल इसकी शिकायत पुणे पुलिस से की। जांच में पता चला है कि कोरबा के हसदेव उप डाकघर से यह शिकायत भेजी गई। दो युवकों ने करीब 80 से 90 शिकायतें रजिस्टर्ड डाक से पोस्ट किये थे। नीचे पढ़ें राखी थाने में की गई शिकायत में क्या कुछ लिखा हैं
”प्रधानमंत्री एवं अन्य माननीयगणों को सुनील घनवट के नाम का लेटर हेड से झूठी शिकायत कर बदनाम करने करने वाले के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करने बाबत्। निवेदन है कि मैं राहुल हरितवाल पिता मनमोहन हरितवाल उम्र 39 वर्ष साकिन ए-33 सेंचुरी कालोनी रायपुर थाना डीडी नगर जिला रायपुर छ0ग0 का निवासी हूं। अप्रैल 2025 के मुझे पता चला कि मेरे अत्यंत प्रिय व्यक्ति रामविचार नेताम जो वर्तमान में छत्तीसगढ शासन के वरिष्ठ मंत्री है। इनके खिलाफ सुनील घनवट नाम के व्यक्ति ने अपने लेटर हेड पर भारत के प्रधान मंत्री सहित देश एवं प्रदेश के सभी वरिष्ठ मंत्री, अधिकारियों एवं मिडिया कर्मी को कथित भ्रष्टाचार करने के फर्जी शिकायत की प्रति प्रेषित की गई है।
साजिश के पीछे कौन?
पुलिस सूत्रों की मानें तो मामले में कई तकनीकी सुराग मिले हैं, जिनके आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि शिकायतें सुनियोजित तरीके से कई संवेदनशील ठिकानों पर भेजी गई थीं, जिससे राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में सनसनी फैल सके।
राजनीतिक साजिश की आशंका
चूंकि मामला सीधे तौर पर राज्य सरकार के मंत्री से जुड़ा है, इसलिए भाजपा इसे एक “राजनीतिक साजिश” मान रही है। पार्टी नेताओं का कहना है कि इस तरह के कृत्य से ना सिर्फ मंत्री की छवि को धूमिल करने की कोशिश की गई, बल्कि संवैधानिक संस्थानों को भी भ्रमित करने का प्रयास हुआ।राखी थाना पुलिस ने FIR दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि डिजिटल साक्ष्यों और पोस्टल ट्रैकिंग के जरिए जल्द ही मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।



