छत्तीसगढ़

गोधन न्याय योजना को व्यवस्थित व सुचारू रूप से संचालित करें : बघेल

रायपुर। हरेली पर्व 20 जुलाई से राज्य में अभिनव गोधन न्याय योजना शुरू होगी जिसे व्यवस्थित और सुचारू रूप से संचालित किए जाने के निर्देश मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिले के कलेक्टरों को दिए। इसी के साथ उन्होंंने कलेक्टरों को यह भी निर्देश दिया कि राज्य सरकार की महत्वकांक्षी फसलों की गिरदावरी की तैयारियों, वृक्षारोपण अभियान की ओर भी समुचित रुप से ध्यान दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना के प्रभावी क्रियान्वयन से जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। ग्रामीण और शहरी स्तर पर रोजगार के नये अवसर और पशुपालकों की आय वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि पूरे देश के लोगों, सामाजिक संगठनों और अर्थशास्त्रियों की निगाहें इस योजना पर लगी हुई है। योजना को सफल बनाने में कलेक्टर्स की महती भूमिका है। गौठानों में पशुपालकों से 2 रुपए किलो में गोबर खरीदने के लिये सभी आवश्यक तैयारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। गौठान समितियों को सक्रिय करने, स्व-सहायता समूहों को वर्मी खाद बनाने का प्रशिक्षण, गौठानों में खाद बनाने के लिये नाडेप वर्मी टांका का निर्माण आदि के संबंध में निर्देश दिया गया।
मुख्यमंत्री ने इंग्लिश मीडियम स्कूल के संबंध में निर्देशित किया कि इन स्कूलों में आकर्षक रंगाई-पोताई हो और उच्च गुणवत्तायुक्त पढ़ाई की व्यवस्था होना चाहिये। जिससे आपको भी अपने बच्चों को यहां पढ़ाने में संकोच न हो। भूमि पट्टों का मालिकाना हक देने के लिये पट्टाधारियों को बैंक फायनेंस उपलब्ध कराने के निर्देश मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में नजूल और आबादी पट्टा आबंटित किया गया था। उन कब्जाधारियों को उनके कब्जे के आधार पर मालिकाना हक दिया जा रहा है। इसका अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि धान रोपाई का काम तेजी से चल रहा है। माह सितंबर, अक्टूबर में पटवारी खेतों में जाकर देखें कि किसानों ने कितने रकबे में वास्तव में धान बोया है। रकबे का वास्तविक रूप से आंकलन करें। रकबा काटने और जोड?े का काम पहले से ही हो जाये, जिससे किसानों को बाद में परेशानी न हो।
कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने गोधन न्याय योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने सभी गौठानों में मनरेगा से वर्मी टैंक बनाने और गुणवत्तायुक्त वर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिये समूहों को प्रशिक्षण देने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि गौठान समितियों में चरवाहों को भी जोड़ा जाये, जिससे गौठानों का सुचारू संचालन होगा। उन्होंने कहा कि सभी गौठान आजीविका मिशन के केन्द्र बनेंगे। बैठक में मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन श्री आर.पी.मंडल ने वृक्षारोपण के संबंध में आवश्यक निर्देश दिये। वन क्षेत्रों के बाहर नदी तटों, गौठानों, निजी बाडि?ों और घरों में वृक्षारोपण का कार्य 31 जुलाई तक पूर्ण करने का निर्देश दिया गया। अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू ने निर्देशित किया कि 30 सितंबर 2020 तक गिरदावरी का कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता से पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि वास्तविक रकबे की गिरदावरी होनी चाहिये। ग्रामीण स्तर पर स्थापित क्वारंटीन सेंटर को 25 जुलाई तक बंद करने और उन्हें सेनेटाईज कराने के निर्देश दिये गये। प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुवेर्दी ने बताया कि 20 जुलाई को हरेली त्यौहार के अवसर पर हर्रा, महुआ, आंवला व अन्य लघु वनोपज के वृक्ष तथा फलदार व छायादार वृक्ष लगाये जायेगे।
बैठक में कृषि एवं जलसंसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, मुख्य सचिव श्री आर पी मंडल, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव वन श्री मनोज पिंगुआ, पंचायत एवं ग्रामीण विकास के प्रमुख सचिव श्री गौरव द्विवेदी, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम. गीता, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी, खाद्य विभाग से सचिव डॉ कमलप्रीत सिंह, सहकारिता सचिव श्री आर प्रसन्ना, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुवेर्दी, नगरीय विकास विभाग की सचिव श्रीमती अलरमेल मंगई डी., राजस्व विभाग की सचिव सुश्री रीता शांडिल्य, मुख्यमंत्री के ग्रामीण विकास सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, मुख्यमंत्री के संसदीय सलाहकार श्री राजेश तिवारी, मुख्यमंत्री सचिवालय की उप सचिव सुश्री सौम्या चौरसिया उपस्थित थीं।

Back to top button