छत्तीसगढ़

रायपुर डकैती कांड, करीबी निकला मास्टरमाइंड, दोस्त और उसकी पत्नी संग मिलकर की वारदात, कुछ देर में IG करेंगे खुलासा..

रायपुर। डकैती कांड में एक बड़ा इनपुट मिला है। बताया जा रहा है कि पीड़ित का एक करीबी ही डकैती का मास्टरमाइंड है। उसने अपने दोस्त और उसकी पत्नी के साथ मिलकर इस पूरी वारदात को अंजाम दिया है। पुलिस ने इस मामले में करीब आधा दर्जन आरोपियों को पकड़ा है। जिन्होंने इस डकैती को शातिर तरीके से प्लानिंग करके अंजाम दिया है।

सूत्रों के मुताबिक, डकैती का एक आरोपी नागपुर का निवासी साजिद है। वो पीड़ित का करीबी है। उसने अपने दोस्त भिलाई निवासी राहुल और उसकी पत्नी के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया था। डकैती के बाद आरोपी अमलेश्वर दुर्ग की ओर भागे। बीच रास्ते में उन्होंने गाड़ी बदली है। इसके बाद में अलग-अलग शहरों में भागे हैं।

प्रॉपर्टी विवाद के बाद करीबियों पर था शक

पीड़ित वेलु परिवार काफी बड़ा है। यह आठ भाई-बहन है। जिस जमीन को परिवार ने बेची थी। उसे लेकर परिवार के लोगों के बीच विवाद था। इनमें से कुछ लोगों में नाराजगी भी थी। इसकी भनक लगते ही पुलिस का शक करीबियों पर गहरा गया था। पुलिस लगातार परिवार के सभी सदस्यों से पूछताछ कर रही थी। वारदात के दौरान वे कहां पर थे? वारदात के पहले और बाद के एक्टिविटी पर लगातार पुलिस नजर बनाए रखी थी।

अब जानिए, 20 मिनट में कैसे हुईं 65 लाख की डकैती

रायपुर में नगरीय निकाय चुनाव के दिन दिनदहाड़े करीब 20 मिनट के अंदर 65 लाख की डकैती की वारदात हुई है। यह डकैती खम्हारडीह थाना इलाके के अनुपम नगर में हुई। डकैत कमांडो ड्रेस पहनकर घर के भीतर घुसे। बुजुर्गों को पिस्टल अड़ाकर बंधक बना लिया। फिर डराने के लिए नकली इंजेक्शन लगाया। इस दौरान उन्होंने लाल सलाम कहते हुए कहा कि हल्ला किया तो घर को बम से उड़ा देंगे।

कार से उतरते हुए 5 डकैत CCTV कैमरे में कैद हुए हैं। जिसमें एक महिला भी थी। पांचों डकैतों ने प्रेमा वेल्लू (71), रजनी वेल्लू (67) और मनोहर वेल्लू (70) को बंधक बनाकर डकैती की। यह तीनों आपस में भाई-बहन है साथ रहते हैं और किसी ने शादी नहीं की है।

जमीन बेचने से मिले रुपए लेकर भागे

वेल्लू परिवार ने कुछ दिन पहले ही अपनी एक पुश्तैनी जमीन बेची थी। जिसके बाद 65 लाख रुपयों को उन्होंने घर के भीतर ही पलंग के नीचे रखा था। जिन्हें डकैत लूट कर ले गए। इसके अलावा वे आलमारी से गहने भी साथ लेकर चले गए। भागने के दौरान उन्होंने तीनों बुजुर्गों को कमरे के भीतर बंद कर दिया। जैसे-जैसे बुजुर्गों ने घर के पीछे के रास्ते से निकलकर पड़ोसियों और पुलिस को सूचना दी।

 

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