छत्तीसगढ़

IPS अरुणदेव गौतम के प्रभारी DGP बनाए जाने की संभावना 99%, जानिये अशोक जुनेजा के एक्सटेंशन की संभावना 1% क्यों?

रायपुर। छत्तीसगढ़ के डीजीपी अशोक जुनेजा रिटायरमेंट के बाद छह महीने के एक्सटेंशन पर चल रहे हैं। उनका कार्यकाल कल 4 फरवरी को समाप्त हो जाएगा। याने अब नए डीजीपी की नियुक्ति में करीब 24 घंटे बच गए हैं। किसी भी तरह कल दोपहर तक नए डीजीपी के नाम का ऐलान हो जाएगा। यदि भारत सरकार से अशोक जुनेजा के एक्सटेंशन की कोई बात चली, तभी एकाध दिन आगे-पीछे हो सकता है। बहरहाल, अभी तक अशोक जुनेजा के एक्सटेंशन की न कोई संकेत हैं और न ही कोई हलचल है। आईपीएस एसोसियेशन अघोषित तौर पर जुनेजा की विदाई पार्टी की तैयारी कर रहा है।

मगर इस बारे में खुलकर कोई इसलिए नहीं बोल रहा कि इस समय भारत सरकार का कोई भरोसा नहीं। कई राज्यों में रिटायरमेंट के दिन भी एक्सटेंशन मिला या नया नाम उपर से आ गया।पिछले साल अगस्त में अशोक जुनेजा के केस में भी यही हुआ था। 4 अगस्त का उनका रिटायमेंट था। राज्य सरकार ने अरुणदेव गौतम को प्रभारी डीजीपी बनाने के लिए गृह विभाग को नोटशीट मंगा लिया था। तब तक दिल्ली से फोन आ गया, जुनेजा को एक्सटेंशन देने प्रस्ताव भेजिए। 2 अगस्त को यहां से प्रस्ताव गया और 3 को कैबिनेट कमेटी से एप्रूवल के बाद आदेश आ गया। प्रधानमंत्री कैबिनेट कमेटी के हेड होते हैं। अब आम समझ सकते हैं कि एक दिन के भीतर कैबिनेट कमेटी की बैठक हो गई, नरेंद्र मोदी जैसे अतिव्यस्त रहने वाले प्रधानमंत्री का दस्तखत भी हो गया।

यही वजह है कि नए डीजीपी के नाम पर कोई खुलकर नहीं बोल रहा है। मगर ये बात सत्य है कि सरकार में अरुणदेव गौतम का नाम प्रभारी डीजीपी के लिए तय हो गया है। एक तरह से कहें तो उनके नाम पर मुहर लग गया है। अब सिर्फ केंद्र की प्रतीक्षा की जा रही कि शाम तक अशोक जुनेजा के बारे में कोई निर्देश न आ जाए।

अशोक जुनेजा 11 नवंबर 2021 को छत्तीसगढ़ के प्रभारी डीजीपी बनाए गए थे। फिर यूपीएससी के एप्रूवल के बाद 5 अगस्त 2022 को दो साल के लिए पूर्णकालिक डीजीपी नियुक्त किए गए। 4 अगस्त 2024 को उनके रिटायरमेंट से एक दिन पहले 3 अगस्त को भारत सरकार ने छह महीने का एक्सटेंशन दे दिया।

पूर्णकालिक डीजीपी क्यों नहीं?

छत्तीसगढ़ सरकार ने डीजीपी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है। 5 दिसंबर 2024 को राज्य सरकार ने तीन आईपीएस अधिकारियों का पेनल यूपीएससी को भेज दिया था। इनमें सीनियरिटी के हिसाब से आईपीएस पवनदेव, अरुण देव गौतम और हिमांशु गुप्ता शामिल हैं। हालांकि, बाद में जीपी सिंह की आईपीएस में वापसी के बाद उन्होंने यूपीएससी के समझ अपना पक्ष रखते हुए अभ्यावेदन दिया।

यूपीएससी ने जीपी सिंह के अभ्यावेदन पर राज्य सरकार से जवाब मांगा था। राज्य से यूपीएससी को रिप्लाई भेजा जा चुका है कि जीपी सिंह के खिलाफ अब कोई मामला नहीं है। याने डीजीपी के पेनल में यूपीएससी चाहे तो जीपी सिंह का नाम शामिल कर सकता है और संभावना भी लगभग ऐसी ही है।

बहरहाल, जब तक यूपीएससी का पेनल फायनल नहीं होगा तब तक राज्य सरकार पूर्णकालिक डीजीपी की नियुक्ति नहीं कर सकती है। यूपीएससी का पेनल भारत सरकार से होते हुए छत्तीसगढ़ आएगा, उसके बाद ही राज्य सरकार तीन में से किसी एक नाम पर टिक लगाकर पूर्णकालिक डीजीपी की नियुक्ति करेगी।

अशोक जुनेजा 9 महीने रहे प्रभारी डीजीपी

अशोक जुनेजा खुद प्रारंभ में 13 महीने प्रभारी डीजीपी रहे। वे 11 नवंबर 2021 को छत्तीसगढ़ के प्रभारी डीजीपी बनाए गए थे। फिर यूपीएससी के एप्रूवल के बाद 5 अगस्त 2022 को दो साल के लिए पूर्णकालिक डीजीपी नियुक्त किए गए।

एक्सटेंशन की अटकलें क्यों?

डीजीपी अशोक जुनेजा को दूसरी बार एक्सटेंशन की अटकलों के पीछे सिर्फ और सिर्फ नक्सलियों के साथ चल रही निर्णायक लड़ाई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए मार्च 2026 की मियाद घोषित कर चुके हैं।

जाहिर है, देश में नक्सलियों का सबसे बड़ा गढ़ कोई है तो छत्तीसगढ़ है। अलबत्ता, अब माओवादियों के पांव उखड़ते दिख रहे हैं। सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ों में आए दिन नक्सली मारे जा रहे हैं। जुनेजा के एक्सटेंशन की अटकलों के पीछे यही एक आधार रहा।

प्रभारी डीजीपी कौन?

जुनेजा के बाद सीनियरिटी में पवनदेव पहले नंबर पर हैं और उसके बाद अरुणदेव गौतम। ये दोनों 1992 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हैं।

अरुणदेव गौतम का नाम सबसे उपर इसलिए भी माना जा रहा है कि 3 अगस्त को अशोक जुनेजा का एक्सटेंशन से पहले सरकार ने अरुण देव गौतम को प्रभारी डीजीपी बनाने नोटशीट तैयार करने का निर्देश दे दिया था। मगर इससे पहले भारत सरकार ने जुनेजा के एक्सटेंशन के लिए प्रस्ताव मंगा लिया। ऐसे में, अगर जुनेजा को सेवावृद्धि नहीं मिली तो अरुणदेव गौतम के नाम पर सरकार मुहर लगा सकती है।

सीआईसी के लिए अप्लाई

डीजीपी अशोक जुनेजा मुख्य सूचना आयुक्त पद के लिए अप्लाई कर चुके हैं। जो लोग उनके एक्सटेंशन की खबर को खारिज कर रहे हैं, उनका तर्क है कि जुनेजा को अगर एक्सटेंशन की उम्मीद होती तो मुख्य सूचना आयुक्त के लिए आवेदन नहीं करते। मगर यह भी सही है कि भारत सरकार आजकल पहले से नहीं बताती कि किसी एक्सटेंशन दिया जाएगा।

Leave a Reply

Back to top button