रायपुर
दवा विक्रेता संघ ने सेनेटाइजर पर लगाए गए 18 प्रतिशत जीएसटी को समाप्त करने की मांग की है। व्यापारियों के अनुसार इसके चलते इसके रेट में कोई कंट्रोल नहीं रहेगा। चूंकि कोरोना संकटकाल में यह आवश्यक है इसलिए इसे आवश्यक वस्तु अधिनियम में ही रखना चाहिए।
दवा विक्रेता संघ के सचिव अश्वनी विग ने इस आशय का पत्र प्रधानमंत्री को लिखा है। उन्होंने कहा कि इस समय कई प्रतिष्ठित कंपनियां सेनेटाइजर बना रही है जिसमें बजाज, डाबर. इमामी तथा रायपुर की लोकल कंपनियां शामिल हैं। चूंकि बाजार में स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा चल रही है इसलिए इसका रेट भी कम हो गया है। लोग इसका स्टॉक नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों एक अधिसूचना जारी कर इसे आवश्यक वस्तु अधिनियम से हटा दिया गया जिसके चलते इस पर केन्द्र सरकार ने 18 प्रतिशत जीएसटी लगा दिया है। इसके कई दुष्परिणाम सामने आएंगे। व्यापारी स्टॉक लेकर जमाखोरी करेंगे तथा मूल्य पर कोई नियंत्रण नहीं रहेगा।
दवा व्यापारी संघ ने छत्तीसगढ़ सरकार से अनुरोध किया है कि वर्तमान में प्रतिष्ठत कंपनी लैनमॉर्क तथा अन्य प्रतिष्ठित कंपनियों की दवाईयां बाजार में उपलब्ध हो गई है इसलिए शासन को इन दवाइयों को खरीदी करना चाहिए ताकि वे इसे खरीद सकें। आम लोगों को इससे राहत मिलेगी। वर्तमान में रेमेडीसिवर नामक कंपनी की दवाईयां मिल रही है। छत्तीसगढ़ में बड़ी संख्या में कोविड-19 के लिए अस्पताल बना दिए गए हैं।