छत्तीसगढ़

महिला समूह की दुकान से एक दिन में सात सौ रुपए से अधिक की राखियॉं बिकी

रायपुर
देश में धीरे-धीरे चांइनीस समानो को लेकर उठ रहे बहिष्कारी आवाजो के बीच स्वदेशी निमार्ताओं को आगे बढ?े का एक अवसर प्राप्त हुआ हैं। विश्रामपुरी की 20 महिला क्लस्टर की सदस्यों ने 5 दिनों में 1500 राखियां तैयार की और इन राखियों को बेचने के लिए मुख्य मार्ग में केनोपी लगाकर बेच रही है। पहले ही दिन 780 रुपये की राखी बेची गई। इनकी मांग को देखते हुए और अधिक समुहों को जोड़कर उत्पादन बढ़ाने का प्रयास किया जायेगा।

जिला मिशन प्रबंधक विनय सिंह ने बताया कि राखियों के फुटकर विक्रय के लिए विश्रामपुरी में मुख्य मार्ग पर केनोपी लगाकर प्रतिदिन समूह की दो महिलायें राखी विक्रय कर रही है। यह राखियां बाजार के अन्य राखियों से सस्ती एवं डिजाइन में बहुत अच्छी है। इन राखियों की कीमत 5 रुपए से लेकर 50 रुपए तक है और वर्तमान में दो हजार राखियों को बाजार में बेचने के लिए रखा गया है। पहले ही दिन 780 रुपए की राखी यहां से विक्रय की गई।

मॉडल दिव्या महिला क्लस्टर विश्रामपुरी के अंतर्गत आकाश महिला क्लस्टर सलना की महिलायें में 10 समूहों की 20 महिलायें प्रतिदिन कार्यरत हैं। इन 20 सदस्यों ने विगत 5 दिनो में 15 सौ से अधिक राखियां तैयार की हैं। इस संबंध में क्लस्टर के यंग प्रोफेशनल वाय.पी.महेश्वर ने बताया कि जनपद पंचायत सीईओ अशोक ठाकुर की प्रेरणा से क्लस्टर की अध्यक्षा देवन्तीन नेताम एवं प्रीती सोनी ने समुहों से चर्चा कर राखी बनाने के काम में रूची लेने वाले समूहों को इस काम से जोड़ा इसके लिए कच्चा माल रायपुर से मंगाने के पश्चात विगत 5 दिनो से लगातार समूह की महिलायें राखी बनाने के काम में जुट गई। इस काम के लिए उन्हे प्रति राखी के मूल्य एवं डिजाइन के अनुसार राशि प्राप्त होती है। हर महिला प्रतिदिन 50 से लेकर 150 तक राखी तैयार कर लेती है।

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