भाजपा पार्षद की बर्खास्तगी के लिए निगम कमिश्नर ने लिखा संभाग आयुक्त को पत्र
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दुर्ग
रायपुर के सीमेंट कारोबारी के घर में घुसकर मारपीट करने के मामले में भिलाई नगर निगम के भाजपा पार्षद पीयूष मिश्रा के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती है। पीयूष मिश्रा की बर्खास्तगी के लिए भिलाई नगर निगम के आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी ने संभाग कमिश्नर को पत्र लिखा है।
संभाग आयुक्त को लिखे पत्र में भिलाई निगम के कमिश्नर ने कहा है कि लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन कर शराब के नशे में अपने दो साथियों राम नाग औरे विकास कुमार के साथ रायपुर के सीमेंट कारोबारी गुंजन कुमार के घर में घुसकर उसके साथ मारपीट की थी। जिसमें गुंजन कुमार की रिपोर्ट पर विधानसभा पुलिस ने पार्षद पीयूष मिश्रा के खिलाफ धारा 294,323,327,452,34 और 506 के तहत अपराध दर्ज किया था। जो कि एक जनप्रतिनिधि होने के अपने दायित्वों का पालन न करते हुए कानून का उल्लंघन कर अशोभनीय कृत्य किया गया है। जो कि प्रथम दृष्टया पीयूष ने जनप्रतिनिधि की नैतिक अधमता के खिलाफ काम किया है।
पीयूष मिश्रा के खिलाफ शिकायतकर्ता ने नगर पालिक अधिनियम 1956 की धारा 19 के तहत (पार्षद पद से हटाए जाने) की कार्यवाही करने की मांग की है।
इधर इस पूरे मामले में पार्षद पीयूष मिश्रा का कहना है कि उनके द्वारा लगातार निगम में हो रहे भ्रष्टाचार व महापौर व उनके परिषद के खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक आवाज उठाई गई है। जिसे लेकर सत्ता पक्ष घबराया हुआ है, वहीं अगली सामान्य सभा मे सत्ता पक्ष को डर है कि वो कुछ मामलों को लेकर सत्ता पक्ष की पोल खोल सकते हैं। इसीलिए उन पर दबाव बनाने के उद्देश्य से इस कृत्य को अंजाम दिया जा रहा है। पार्षद पीयूष मिश्रा का कहना था कि उन पर आपराधिक मामला व्यक्तिगत आरोपो की वजह से दर्ज है न कि निगम में किसी अनुशासनहीनता या भ्रष्टाचार की वजह से है। अगर इस तरह के मामलों की वजह से पार्षद को बर्खास्त करने की बात है तो सबसे पहले तो जो निगम की सत्ता के ऊंचे पद पर बैठे महापौर देवेंद्र यादव को ही बर्खास्त करना चाहिए उन पर 22 मामले दर्ज है। पार्षद का कहना था कि सत्ता और प्रशासन की आड़ लेकर अगर उनकी आवाज दबाने की कोशिश की जाएगी तो उनकी आवाज दबेगी नहीं बल्कि और भी बुलंद होगी।
आपको बता दें पीयूष मिश्रा के खिलाफ उसके ही वार्ड में रहने वाले राबिन सिंह नाम के एक व्यक्ति ने नगर निगम कमिश्नर के पास शिकायत की थी। जिसमें उसने पीयूष मिश्रा के खिलाफ विधानसभा थाना में दर्ज एफआईआऱ के साथ ही नगर निगम के अधिनियम की कॉपी जमा कर पार्षद पद से बर्खास्त करने की मांग की थी।