बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बड़े शराब कारोबारी शामिल अमोलक सिंह भाटिया व उनके परिवार के लोगों ने तालाब की जमीन को पाटकर मैदान में तब्दील कर दिया है। तालाब के मूल स्वरुप को नष्ट करते हुए कब्जा कर लिया है और तार का फेंसिंग भी करा दिया है। बिलासपुर एसडीएम ने तालाब का मूल स्वरुप नष्ट कर कब्जा करने के आरोप में शराब व्यवसायी भाटिया पर 25 हजार रुपए का जुर्माना ठोंका है। बिलासपुर एसडीएम ने नोटिस में सात दिनों के भीतर तालाब को वापस मूल स्वरुप में लाने खोदाई करवाना का निर्देश दिया है। जारी नोटिस में यह भी चेतावनी दी है कि आदेश पर अमल नहीं करने की स्थिति में जिला प्रशासन तालाब की खोदाई करवाएगा और इसका खर्चा भी शराब व्यवसायी से वसूला जाएगा।
सरकंडा में हुआ खेला
बिलासपुर शहर के अरपापर सरकंडा चांटीडीह पटवारी हल्का नंबर 33 तहसील व जिला बिलासपुर में स्थित भूमि को अमोलक सिंह भाटिया पिता हरवंश सिंह भाटिया, उनके भाई गुरमित सिंह पिता हरवंश सिंह भाटिया, गुरुशरण सिंह पिता सुरजीत सिंह के द्वारा मौजा चांटीडीह स्थित भूमि खसरा नंबर 7 तालाब का हिस्सा जिसका रकबा 0.50 ए है, मिट्टी डालकर पाट दिया है। इसकी जानकारी जिला प्रशासन को लगने पर बिलासपुर एसडीएम पीयूष तिवारी ने संज्ञान में लिया है। छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 242 का उल्लंघन किए जाने पर सहिंता की धारा 253 के तहत दंडनीय अपराध होने के चलते एसडीएम ने मामले की जांच का निर्देश देते हुए तहसीलदार से जांच प्रतिवेदन पेश करने का निर्देश दिया था।
राजस्व दस्तावेज में तालाब की जमीन,वर्तमान में भाटिया परिवार के नाम पर
जांच के दौरान पता चला कि चांटीडीह स्थित पटवारी हल्का नंबर 33 तहसील व जिला बिलासपुर स्थित भूमि खसरा नंबर 06,07 रकबा क्रमशः 0.424, एवं 1.193 हेक्टेयर अधिकार अभिलेख में तुकाराम पिता लक्ष्मण साव, साकिन जूना बिलासपुर के नाम पर दर्ज है। संशोधन पंजी वर्ष 1962–63 के सरल क्रमांक 179 के अनुसार वाजिब उल अर्ज में उपरोक्त भूमि पैठू, ताल,पानी के नीचे दर्ज है। वर्तमान राजस्व अभिलेख में खसरा 7/2,7/3,7/4 रकबा क्रमशः 0.283,0.263,0.263 हेक्टेयर भूमि अमोलक सिंह भाटिया पिता हरवंश सिंह भाटिया, गुरमीत सिंह पिता हरवंश सिंह, गुरु शरण सिंह पिता सुरजीत सिंह के नाम पर दर्ज है। जिसे उनके द्वारा मिट्टी डालकर लगभग 0.50 एकड़ रकबे को पाटा जा चुका है। तहसीलदार की रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम ने कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। नोटिस के जवाब में शराब कारोबारी ने तालाब को पाटने से इनकार किया था। शराब कारोबारी द्वारा तालाब को पाटने से इन्कार करने पर एसडीएम बिलासपुर ने तहसीलदार को मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करने कहा था।
अतिरिक्त तहसीलदार ने सौंपी रिपोर्ट
अतिरिक्त तहसीलदार बिलासपुर ने मौके पर जाकर तीन गवाहों का शपथपूर्वक बयान लिया। जिसमें पता चला कि यहां तालाब स्थित था जिसे मिट्टी डालकर मैदान बनाया गया हैं एवं तार फेंसिंग कर लिया गया है। मौका जांच एवं राजस्व दस्तावेजों के अनुसार खसरा नंबर 7 के कुल 4 बटांकन हुआ है। खसरा नंबर 7/1, खसरा नंबर 6 के साथ शामिल में धर्मराज पिता रेवाराम वगैरह,खसरा नंबर 7/2 (0.283 हेक्टेयर) में अमोलक सिंह भाटिया, खसरा नंबर 7/3 (0.263), में गुरमित सिंह भाटिया,खसरा नंबर 7/4 (0.263 हेक्टेयर) में गुरु शरण सिंह भाटिया के नाम पर दर्ज है। खसरा नंबर सात में तालाब स्थित है। जिसके 0.50 डिसमिल भाग पर मिट्टी डालकर पाटा गया है। जिसे मौके पर साक्षियों के द्वारा प्रमाणित भी किया गया।
अतिरिक्त तहसीलदार की रिपोर्ट के बाद एसडीएम ने जारी किया नोटिस
अतिरिक्त तहसीलदार की रिपोर्ट के आधार पर बिलासपुर एसडीएम पीयूष तिवारी ने छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 242 का उल्लंघन पाने पर संहिता की धारा 253 के तहत अमोलक सिंह भाटिया, गुरमीत सिंह, गुरुशरण सिंह पर 25 हजार रुपए जुर्माना ठोंका है। एसडीएम ने जारी आदेश में खसरा नंबर 07 के तालाब के रखबा 0.50 एकड़ पर पार्टी के मिट्टी को सात दिनों के अंदर हटाकर राजस्व दस्तावेजों में दर्ज प्रविष्टि के अनुसार पूर्व की स्थिति में मूल प्रयोजन में लाए। ऐसा नहीं करने पर प्रशासन खुद मिट्टी हटाने की कार्यवाही करेगा और जिसका खर्चा भी वसूला जाएगा।