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HDFC बैंक का दिवाली गिफ्ट: सस्ते हुए कर्ज, ब्याज दरों में कटौती से ग्राहकों को राहत

मुंबई 

देश में मार्केट वैल्यू के हिसाब से सबसे बड़े बैंक HDFC Bank ने दिवाली से पहले ही लोन लेने वाले ग्राहकों को बड़ा तोहफा दे दिया है. दरअसल, बैंक की ओर से बड़ा ऐलान किया गया है, जिसके तहत कर्ज की ब्याज दरों में कटौती की गई है. इसका सीधा असर लोन लेने वालों की मासिक ईएमआई (Loan EMI) पर देखने को मिल सकता है और ये कम हो सकती है. MCLR घटाने से कर्जदारों की उम्मीदें बढ़ गई हैं. 

कर्ज लेने वालों को मिलेगी राहत
प्राइवेट सेक्टर का एचडीएफसी बैंक करीब 15 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की मार्केट वैल्यू के साथ जहां सबसे बड़ा बैंक है, तो वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज के बाद टॉप-10 वैल्यूएबल कंपनियों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर है. बैंक की ओर से अपनी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स-बेस्ड लेंडिंग रेट यानी एमसीएलआर में कटौती की घोषणा की गई है, इससे कई लोग लेने वाले ग्राहकों की ईएमआई कम हो सकती है और कर्ज की इस दर से जुड़े अलग-अलग टेन्योर के लोन लेने वालों को बड़ी राहत मिल सकती है.

कटौती के बाद ये हैं नई ब्याज दरें 
बैंक ने चुनिंदा टेन्योर पर अपने एमसीएलआर में 15 बेसिस पॉइंट तक की कटौती की है. इस बदलाव के बाद अब HDFC Bank MCLR कर्ज की अवधि के आधार पर 8.40% से 8.65% के बीच होगा. इससे पहले ये8.55% से 8.75% के बीच था. रेट चेंज की बात करें, तो बैंक की ओर से ओवरनाइट एमसीएलआर 8.55% से घटाकर 8.45% कर दिया गया है, जबकि एक महीने की दर अब घटकर 8.40% हो गई है.

अन्य टेन्योर के लोन के लिए एमसीएलआर में कटौती करते हुए तीन महीने की दर 15 बेसिस पॉइंटकम करके 8.45% की गई है. छह महीने और एक साल दोनों अवधि के लिए एमसीएलआर दरें अब 10 बीपीएस कम होकर 8.55% पर आ गई हैं. वहीं लॉन्ग टर्म की बात करें, तो दो साल की दर 8.60% और तीन साल की दर 8.65% रखी गई है. 

क्या होता है एमसीएलआर? 
यहां पर समझ लेना जरूरी है कि आखिर ये एमसीएलआर होता क्या है? तो बता दें कि ये वह न्यूनतम ब्याज दर होती है, जो कोई बैंक किसी कर्ज पर ले सकता है. ज्यादातर ये दर होम लोन, पर्सनल लोन और कॉमर्शियल ऋणों के लिए आधार के रूप में कार्य करती है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा साल 2016 में शुरू की गई MCLR यह सुनिश्चित करतने का काम करती है कि उधारकर्ताओं से इससे कम ब्याज न लिया जाए.

लोन लेने वालों पर कैसे असर? 
एमसीएलआर सीधे लोन की ब्याज दर होती है और इससे जुड़े होम लोन और पर्सनल लोन लेने वालों को इस संशोधन का सीधा असर होता है. इसमें की जाने वाली कटौती सीधे उनकी हर महीने कटने वाली ईएमआई में कमी ला सकती है. एचडीएफसी बैंक की होम लोन दरें फिलहाल 7.90% से लेकर 13.20% के बीच हैं, जो कर्ज लेने वालों की प्रोफाइल और लोन के प्रकार पर निर्भर करती हैं.

MCLR Cut से एचडीएफसी बैंक ने खासतौर पर फ्लोटिंग लोन लेने वाले अपने ग्राहकों पर ईएमआई का बोझ कम करने के लिए कदम उठाया है. इससे होम लोन और पर्सनल लोन की ईएमआई कम हो सकती है. इस लेंडिंग रेट को तय करने के लिए कई अहम फैक्टर्स पर फोकस दिया जाता है. इसमें बैंक की डिपॉजिट रेट, रेपो रेट, ऑपरेशनल कॉस्ट और कैश रिजर्व रेशो को बनाए रखने का खर्च शामिल होता है. रेपो रेट और रिजर्व रेपो रेट में बदलाव का भी इसपर असर होता है. 

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