नई दिल्ली
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) ने कुछ माह पहले ही में टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशन कस्टमर प्रेफरेंस रेगुलेशन (TCCCPR), 2018 में संशोधन किए थे। इसका मकसद अवांछित स्पैम कॉल और प्रमोशनल मैसेज पर लगाम लगाना था। इसके तहत इन नियमों का पालन न करने वाले टेलीकॉम ऑपरेटर्स पर भारी जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान है।
TRAI का कहना था कि नए नियम लागू करने से पहले सभी हितधारकों की राय ली गई थी। वहीं, सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने इन नए नियमों की जमकर आलोचना की है, खासकर टेलीकॉम कंपनियों पर लगने वाले जुर्माने को लेकर।
भारतीय टेलिकॉम अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) की तरफ से Spam Calls को रोकने के लिए नियमों को सख्त किया और पेनल्टी की भी बात कही है. मोबाइल यूजर्स आसानी से स्पैम कॉल्स की रिपोर्ट कर सकेंगे और अनचाहे कमर्शियल कॉल्स (UCC) से भी छुटकारा भी पा सकेंगे. इसके लिए TRAI ने X प्लेटफॉर्म (पुराना नाम Twitter) पर पोस्ट करके जानकारी दी.
TRAI ने कंज्यूमर्स प्रोटेक्शन को बेहतर करने के लिए टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशन्स कस्टमर प्रिफ्रेंसेंस रेगुलेशन (TCCCPR), 2018 में संशोधन किया है. इसके बाद यूजर्स को 10 नंबर से आने वाले टेलीमार्केटिंग कॉल्स से छुटकारा मिल सकेगा और रिपोर्ट के प्रोसेस को भी आसान करने को कहा है. यहां टेलिकॉम कंपनियों पर जुर्माने की बात कही है. इसके बाद टेलिकॉम कंपनियों ने इस फैसले पर आपत्ति दर्ज की है.
नई सीरीज को लागू करने को कहा
TRAI की तरफ से पहले ही कमर्शियल कम्युनिकेशन्स के लिए 10 नंबर वाले मोबाइल नंबर को बंद किया जा चुका है. इसके लिए नई नंबर सीरीज की शुरुआत होगी, जो 140 और 1600 सीरीज से शुरू होगी. 140 नंबर सीरीज का इस्तेमाल करके प्रमोशनल्स कॉल्स और वहीं 1600 सीरीज को ट्रांजेक्शन रिलेटेड कॉल्स के लिए इस्तेमाल करना होगा.
अनरजिस्टर्ड टेलिमार्केटर्स पर शिकंजा कसना
TRAI के नए फैसले के बाद अनरजिस्टर्ड टेलिमार्केटर्स पर शिकंजा कसना है, जो टेलिकॉम रिसोर्स का मनमर्जी तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके लिए जुर्माना भी लगाया जाएगा. टेलिमार्केटर्स द्वारा पहली बार नियमों का उल्लंघन करने पर 15 दिन का सस्पेंशन होगा, जबकि दोबारा नियम तोड़ने पर टेलिकॉम रिसोर्स को 1 साल के लिए डिसकनेक्ट किया जा सकता है.
टेलीकॉम कंपनियों पर भी लगेगा जुर्माना
यहां टेलिकॉम ऑपरेटर्स को भी फाइन का सामना करना पड़ सकता है. टेलिकटम कंपनियां को नॉन कंप्लाइंस के लिए फाइनेंशियल पेनल्टीज का सामना करना पड़ेगा. इस फाइन की शुरुआती रकम 2 लाख रुपये होगी, जो 5 लाख रुपये तक हो सकती है. दोबारा गलती पाए जाने पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है.
COAI ने कहा, मैसेजिंग ऐप्स को बाहर क्यों रखा?
टेलिकॉम कंपनियों की संस्था COAI की तरफ से टेलिकॉम कंपनियों पर जुर्माना बढ़ाने को लेकर आपत्ति दर्ज की है. साथ ही उन्होंने मेंशन किया कि इसमें सोशल मैसेजिंग ऐप्स जैसे WhatsApp और Telegram आदि को बाहर क्यों रखा है.