नेशनल

गाजा में शांति की उम्मीदों के बीच उठी नई चिंता, भारत के पड़ोसी ने तैनात किए दर्जनों युद्धपोत

नई दिल्ली 
दो साल से तबाही झेल रहे गाजा में शांति की उम्मीद जगी है। एक हफ्ते पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित 20 सूत्री प्लान के पहले चरण पर अब हमास ने भी अपनी हामी भर दी है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पहले ही ट्रंप के प्लान पर अपनी सहमति दे चुके हैं। इसके साथ ही गाजा पट्टी में अब हमले थमने और वहां शांति स्थापना की उम्मीदें बढ़ गई हैं। इसके साथ ही दोनों तरफ से बंधकों की रिहाई की आस भी जगी है लेकिन दुनिया में तीसरे मोर्चे पर एक नई जंग की आहट तेज हो गई है।

दरअसल, सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि भारत के पड़ोसी देश चीन ने ताइवान के साथ बढ़ते तनाव के बीच यांग्त्जी नदी के मुहाने पर बड़ी संख्या में युद्धपोत तैनात कर दिए हैं। न्यूज वीक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वहां चीनी युद्धपोतों और पनडुब्बियों की तैनाती की यह एक दुर्लभ घटना है। इससे चीन और ताइवान के बीच जंग की आहट तेज हो गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह दोनों सेनाओं के बीच तनाव का उच्चतम स्तर है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इतनी बड़ी संख्या में चीनी युद्धपोतों की तैनाती ताइवान पर हमले का संकेत हो सकता है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (PLAN) ने अपनी सैन्य शक्ति का लगातार इजाफा किया है। युद्धपोतों और पनडुब्बियों की संख्या के हिसाब से चीन के पास दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है, जिसके पास 370 से ज़्यादा युद्धपोत और पनडुब्बियाँ हैं। इनमें लैंडिंग डॉक जहाज, हेलीकॉप्टर वाहक और विशेष लैंडिंग बार्ज शामिल हैं। बार्ज के बारे में विश्लेषकों का कहना है कि ये ताइवान जलडमरूमध्य और समंदर पार कर ताइवान पर हमले कर सकते हैं।

25,000 टन का ट्रांसपोर्टेशन शिप तैनात
6 अक्टूबर, 2025 को ली गई सैटेलाइट तस्वीरों में शंघाई के यांग्त्ज़ी नदी मुहाने में कई उभयचर जहाज़ खड़े दिखाई दे रहे हैं। यह मुहाना प्रमुख समुद्री रसद केंद्र है। ओपन-सोर्स रक्षा विश्लेषक एमटी एंडरसन ने सैटेलाइट इमेजरी में टाइप 071 युझाओ-क्लास लैंडिंग प्लेटफ़ॉर्म डॉक (LPD) की पहचान की है। यह 25,000 टन का एक ट्रांसपोर्टेशन शिप है जो किसी उभयचर हमले के दौरान लैंडिंग क्राफ्ट, बख्तरबंद वाहनों और सैकड़ों सैनिकों को विवादित तट तक ले जाने में सक्षम है।

चीन और ताइवान में अदावत पुरानी
बता दें कि चीन ताइवान को अपना क्षेत्र बताता है और जरूरत पड़ने पर बल प्रयोग करने की बात कह चुका है। हाल के दिनों में चीनी सेना ने बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास और समंदर पार कर लगभग हर दिन ताइवान पर सैन्य विमानों की उड़ानें संचालित कर ताइवान पर हमलों का दबाव बढ़ा दिया है। ताइपे और वाशिंगटन चीन के इस कदम को अस्थिरता पैदा करने वाला कदम बताया है।

 

Leave a Reply

Back to top button