सुहागिनों का सबसे प्रिय और महत्वपूर्ण पर्व करवा चौथ इस साल शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और रात में चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करती हैं. ज्योतिषीय गणना के अनुसार, इस बार करवा चौथ पर कई अत्यंत शुभ योगों का निर्माण हो रहा है, जिनमें सिद्धि योग और शिववास योग प्रमुख हैं. माना जा रहा है कि इन शुभ संयोगों में की गई पूजा और व्रत से वैवाहिक जीवन के सभी संकट दूर होंगे और मनोकामनाएं पूरी होंगी.
करवा चौथ पर बन रहे हैं ये दो महासंयोग
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर पड़ रहा करवा चौथ इस वर्ष दो विशेष शुभ योगों के साथ आ रहा है.
सिद्धि योग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, करवा चौथ की तिथि यानी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी पर सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है.
महत्व: यह योग किसी भी कार्य में सफलता और सिद्धि दिलाने वाला माना जाता है. इस योग में की गई पूजा और साधना विशेष फलदायी होती है. माना जाता है कि करवा चौथ के दिन सिद्धि योग में व्रत रखने और पूजा करने से व्रत का पूर्ण फल मिलता है और जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती हैं.
अवधि: पंचांग के अनुसार, सिद्धि योग का संयोग शाम 05 बजकर 41 मिनट तक रहेगा.
शिववास योग
करवा चौथ पर शिववास योग का बनना बहुत ही शुभ माना गया है. शिववास का अर्थ है भगवान शिव का निवास.
महत्व: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब शिववास कैलाश पर होता है, तो वह काल पूजा-पाठ, रुद्राभिषेक और व्रत के लिए बेहद शुभ माना जाता है. शिववास योग में पूजा करने से भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद शीघ्र प्राप्त होता है. करवा चौथ के दिन यह संयोग सुहागिनों के वैवाहिक जीवन में सुख-शांति और सौभाग्य बढ़ाता है. इस योग में की गई पूजा से पति-पत्नी के बीच प्रेम और अटूट बंधन बना रहता है.
शुभ योगों में पूजा करने से मिलेंगे ये लाभ
करवा चौथ पर सिद्धि योग और शिववास योग जैसे शुभ संयोगों का बनना भक्तों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. इन शुभ योगों में विधि-विधान से पूजा करने पर जीवन में खुशहाली आती है.
सौभाग्य की वृद्धि: शिववास योग के कारण माता पार्वती और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
संकटों से मुक्ति: मान्यता है कि सिद्धि योग में की गई पूजा वैवाहिक जीवन और अन्य निजी संकटों को दूर करने में सहायक होती है.
मनोकामना पूर्ति: यह शुभ संयोग आपकी सभी मनोकामनाओं को पूरा करने वाला माना जाता है, खासकर पति की लंबी उम्र, स्वास्थ्य और सफलता के लिए की गई प्रार्थनाएं.
अखंड प्रेम: इन शुभ योगों में व्रत रखने से पति-पत्नी के रिश्ते में प्रगाढ़ता आती है और उनका प्रेम अटूट बना रहता है.
करवा चौथ व्रत का महत्व
करवा चौथ का व्रत पति-पत्नी के बीच के प्रेम, समर्पण और विश्वास का प्रतीक है. इस दिन स्त्रियां सूर्योदय से चंद्रोदय तक निराजला (पानी भी न पीकर) व्रत रखती हैं. शाम को सोलह श्रृंगार करके पूरे विधि-विधान से करवा माता, भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की पूजा की जाती है. रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है. वहीं इस साल बन रहे शुभ योग इस पावन पर्व के महत्व को और भी बढ़ा रहे हैं.