भोपाल
एक ऐतिहासिक और प्रेरणास्पद क्षण का साक्षी बना भोपाल, जब संकल्प फाउंडेशन, मध्यप्रदेश के द्वारा आयोजित एक आत्मीय कार्यक्रम में परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा जी के पूज्य पिताजी श्री जी.एल. बत्रा एवं राष्ट्रीय सुरक्षा के विचारशील योद्धा मेजर जनरल (सेनि.) जी.डी. बक्शी का गरिमामयी स्वागत और सम्मान किया गया।
जी.एल. बत्रा — वीरता और तपस्या के प्रतीक
श्री गिरीधर लाल बत्रा, भारतीय सेना के परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा जी के पिताजी हैं। कैप्टन बत्रा ने 1999 के कारगिल युद्ध में पॉइंट 4875 (अब “बत्रा टॉप”) पर अद्भुत साहस दिखाते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। उनकी बहादुरी का नारा “ये दिल मांगे मोर” आज भी देशभक्ति का उद्घोष बन गया है।
श्री जी.एल. बत्रा ने अपने पुत्र को मात्र सैनिक नहीं, बल्कि कर्तव्य और राष्ट्रभक्ति की मूर्ति के रूप में पाला। आज वह वीर माता-पिता के आदर्श रूप में देशभर में सम्मानित होते हैं। उनका जीवन इस बात का प्रतीक है कि एक सैनिक का निर्माण सिर्फ़ फौज में नहीं, बल्कि घर की मिट्टी में होता है।
मेजर जनरल जी.डी. बक्शी — राष्ट्र की चेतना के सजग प्रहरी
मेजर जनरल गगनदीप बक्शी (सेवानिवृत्त) भारतीय सेना के एक विशिष्ट सैन्य अधिकारी रहे हैं। जम्मू-कश्मीर राइफल्स में सेवा देते हुए उन्होंने कारगिल युद्ध सहित अनेक अभियानों में भाग लिया। सेवा निवृत्ति के पश्चात उन्होंने राष्ट्र सुरक्षा, सैन्य इतिहास और सामरिक नीति पर सार्वजनिक विमर्श को नई ऊँचाइयाँ दी हैं।
वे आज भारत की सैन्य चेतना के प्रभावशाली वक्ता, लेखक और रक्षा रणनीतिकार हैं। उनकी लेखनी और भाषणों में राष्ट्रभक्ति, बलिदान और भारतीय गौरव की गूंज होती है। वे युवाओं को बार-बार यह याद दिलाते हैं कि “स्वतंत्रता कोई उपहार नहीं, यह बलिदान से अर्जित उत्तरदायित्व है।”
स्मृति और सम्मान का संगम
इस आयोजन में संकल्प फाउंडेशन मध्यप्रदेश के समन्वयक श्री हरिश्चंद्र अग्रवाल ने दोनों महान विभूतियों को स्वामी विवेकानंद का प्रेरणादायी चित्र एवं “संकल्प स्मृति चिह्न” भेंट कर भावभीना सम्मान अर्पित किया। श्रीमती बक्शी जी की उपस्थिति ने इस अवसर को और भी गरिमा प्रदान की।
उपस्थित प्रमुख अतिथि:
• श्री ओ.पी. गुप्ता
• श्री अभिषेक खरे
मुख्य बातें:
• शाल, श्रीफल और चित्र भेंट कर भारतीय परंपरा के अनुसार अभिनंदन किया गया।
• जी.डी. बक्शी जी ने युवाओं को प्रेरित करते हुए राष्ट्रभक्ति, आत्मनिर्भरता और सेवा का संदेश दिया।
• श्री जी.एल. बत्रा जी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि “सच्चा सम्मान तभी है जब हम अपने देश के लिए कुछ छोड़ते हैं — वह बेटे हों, समय हो या सुख-सुविधाएँ।”
संकल्प भोपाल परिवार इस प्रेरणास्पद आयोजन का साक्षी बनकर स्वयं को कृतज्ञ और सौभाग्यशाली अनुभव करता है।