रायपुर। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की राज्य सेवा परीक्षा 2021 में हुए कथित भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के गंभीर आरोपों के मामले में सोमवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए आयोग के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी को गिरफ्तार किया है। साथ ही, बजरंग पॉवर एंड इस्पात लिमिटेड के निदेशक श्रवण कुमार गोयल को भी रिश्वतखोरी के आरोप में हिरासत में लिया गया है। सीबीआई के अनुसार, गोयल आरोप है कि उन्होंने अपने बेटे शशांक गोयल और बहू भूमिका कटियार को डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित करवाने के लिए 45 लाख रुपये की रिश्वत दी थी। रिश्वत की यह राशि ग्रामीण विकास समिति के माध्यम से 20 और 25 लाख रुपये की दो किश्तों में दी गई थी। जांच में खुलासा हुआ है कि इस घोटाले में सोनवानी के रिश्तेदार भी शामिल थे।
आरोपी है कि जब 11 मई 2023 को सीजीपीएससी 2021 का अंतिम परिणाम जारी हुआ था, जिसमें आरोप यह है कि, पैसे लेकर कुछ नेताओं और अधिकारियों के बच्चों को डिप्टी कलेक्टर और DSP जैसे पदों पर सिलेक्ट किया गया था। इनमें शशांक गोयल ने तीसरी और उनकी पत्नी भूमिका कटियार ने चौथी रैंक हासिल की थी। शशांक और भूमिका, कांग्रेस नेता सुधीर कटियार के दामाद और बेटी हैं। इस परिणाम के बाद घोटाले की आशंका जताई गई। इन परिणामों पर सवाल उठाते हुए कई अभ्यर्थियों और भाजपा नेताओं ने भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि चयन सूची में पीएससी अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के रिश्तेदारों और कांग्रेस नेताओं के करीबियों को फर्जी तरीके से शामिल किया गया।
तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मामले को लेकर ठोस सबूत मांगते हुए कार्रवाई करने से इनकार किया था। जब राज्य सरकार ने जांच में देरी की, तो भाजपा नेता और पूर्व गृह मंत्री ननकी राम कंवर ने हाईकोर्ट का रुख किया। कोर्ट ने 18 अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक लगा दी। 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने इस घोटाले को बड़ा मुद्दा बनाते हुए विरोध प्रदर्शन किए। पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में सत्ता में आने पर सीबीआई जांच कराने का वादा किया था। वर्तमान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार ने सत्ता में आते ही इस मामले की जांच पहले आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो (EOW) और एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को सौंपी। बाद में इसे सीबीआई को हस्तांतरित कर दिया गया।
CGPSC ने 171 पदों के लिए प्रारंभिक परीक्षा 13 फरवरी 2022 को आयोजित की थी, जिसमें 2565 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए। इसके बाद 26 से 29 मई 2022 को आयोजित मुख्य परीक्षा में 509 अभ्यर्थियों ने सफलता पाई। साक्षात्कार के बाद 170 अभ्यर्थियों की अंतिम सूची 11 मई 2023 को जारी हुई। जांच में सामने आया कि भर्ती प्रक्रिया के दौरान कई अनियमितताएं हुईं। अब तक की जांच के आधार पर टामन सिंह सोनवानी, सचिव जीवन किशोर ध्रुव, और परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक सहित अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है।
डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी समेत कई पदों के लिए साल 2020 से 2022 के दौरान परीक्षा/ साक्षात्कार में कुछ VIP लोगों के करीबी रिश्तेदारों के चयन पर सवाल उठे थे। इन्हीं आरोपों के आधार पर मामला दर्ज किया गया था। इस केस की जांच जारी है। मामले में CGPSC के चेयरमैन और बजरंग इस्पात के डायरेक्टर से पूछताछ की जाएगी।
इस मामले को लेकर बीजेपी प्रवक्ता गौरी शंकर श्रीवास ने विपक्ष में रहते हुए विरोध प्रदर्शन किया था। श्रीवास ने दैनिक भास्कर से कहा कि, CBI सभी अपराधियों पर सख्ती से कार्रवाई करेगी। जिन लोगों ने भी पैसों के लिए मेहनतकश युवाओं के सपनों से खिलवाड़ किया है, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। हम मांग करते हैं कि, सोनवानी ही नहीं बल्कि उस समय CGPSC में सचिव, परीक्षा नियंत्रक को भी गिरफ्तार किया जाए।
सीबीआई ने टामन सिंह सोनवानी और श्रवण कुमार गोयल की गिरफ्तारी के साथ मामले की जांच तेज कर दी है। एजेंसी ने संकेत दिए हैं कि टामन के अलावा आने वाले दिनों में CBI कुछ और अफसरों को भी अरेस्ट कर सकती है।