रांची
झारखंड के पूर्व सीएम शिबू सोरेन नहीं रहे। लंबी बीमारी के बाद उन्होंने सोमवार को अंतिम सांस ली। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिता ने निधन की जानकारी एक्स पर दी। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक संरक्षक शिबू सोरेन एक महीने से ज्यादा समय से दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती थे। शिबू सोरेन (81) को जून के आखिरी सप्ताह में किडनी संबंधी समस्या के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
शिबू सोरेन के निधन की पुष्टि करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक्स पर लिखा, ‘ आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए हैं। आज मैं शून्य हो गया हूं…।’ अस्पताल की ओर से जारी किए गए बयान में बताया गया कि पूर्व सीएम को सुबह 8:56 बजे मृत घोषित किया गया। किडनी की समस्या से पीड़ित सोरेन को डेढ़ महीने पहले स्ट्रोक आया था। वह करीब एक महीने से लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे। डॉक्टरों की एक टीम लगातार आईसीयू में उनकी निगरानी कर रही थी। लेकिन अंतत: उन्हें बचाया नहीं जा सका।
अपने समर्थकों द्वारा ‘दिशोम गुरु’ (महान नेता) के रूप में जाने जाने वाले शिबू सोरेन भारतीय राजनीति में एक प्रमुख व्यक्तित्व रहे हैं. वह झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक संरक्षक थे. अपने चार दशक के राजनीतिक करियर में, शिबू सोरेन दुमका से 8 बार लोकसभा के लिए चुने गए और तीन बार राज्यसभा सांसद रहे, जिनमें से उनका तीसरा कार्यकाल अब भी जारी था. उन्होंने तीन बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में कोयला मंत्री के रूप में भी कार्य किया.
वह तीन अलग-अलग अवसरों पर झारखंड के मुख्यमंत्री बने (मार्च 2005, अगस्त 2008 से जनवरी 2009 तक, और दिसंबर 2009 से मई 2010 तक), हालांकि उन्होंने कभी पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा नहीं किया. कद्दावर आदिवासी नेता शिबू सोरेन ने लगभग चार दशकों तक पार्टी का नेतृत्व किया. उन्होंने 1987 में झारखंड मुक्ति मोर्चा की बागडोर संभाली और अप्रैल 2025 तक इसके अध्यक्ष रहे.
शिबू सोरेन तीन बार बने झारखंड के सीएम
वरिष्ठ आदिवासी नेता शिबू सोरेन ने 38 वर्षों से अधिक समय तक झारखंड मुक्ति मोर्चा का नेतृत्व किया। झारखंड राज्य के लिए उन्होंने लंबे समय तक आंदोलन चलाया और तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे। पहली बार 2 मार्च 2005 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन बहुमत सिद्ध न कर पाने के कारण 12 मार्च 2005 को इस्तीफा देना पड़ा। पहली बार वह 10 दिन ही सीएम रह सके। दूसरी बार 27 अगस्त 2008 को वह मुख्यमंत्री बने और 19 जनवरी 2009 तक इस पद पर रहे। तीसरी बार 30 दिसंबर 2009 को मुख्यमंत्री पद संभाला और 1 जून 2010 तक रहे।
शिबू सोरेन 8 बार लोकसभा सांसद और तीन बार राज्यसभा सांसद बने
शिबू सोरेन 8 बार लोकसभा सांसद चुनकर संसद पहुंचे। तीन बार राज्यसभा सांसद भी रहे। केंद्रीय मंत्री के रूप में भी देश को अपनी सेवाएं दीं। झारखंड की राजनीति के वह सबसे बड़ी शख्सियत रहे और देश की सिसायत में भी बोलबाला रहा। झारखंड में उन्हें दिशोम गुरु (देश का गुरु) कहकर पुकारा जाता रहा।