चंडीगढ़
अमेरिका ने साल 2025 यानी 7 महीने में अब तक कुल 1,703 भारतीय नागरिकों को देश से निर्वासित (डिपोर्ट) किया है, जिनमें 141 महिलाएं भी शामिल हैं. शुक्रवार को विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में यह जानकारी दी है.
सिंह ने बताया कि 2020 से 2024 के बीच 5,541 भारतीयों को अमेरिका से वापस भारत भेजा गया. इस साल (2025) 22 जुलाई तक अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीयों की संख्या 1,703 है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि ब्रिटेन से पिछले पांच वर्षों में (2020-2024) 311 भारतीयों को डिपोर्ट किया गया, जबकि 2025 में अब तक यह संख्या 131 है.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि ब्रिटेन से डिपोर्ट किए गए भारतीयों की संख्या में कुछ भिन्नता हो सकती है क्योंकि कुछ मामलों में वैध दस्तावेजों वाले लोगों को सीधे डिपोर्ट कर दिया जाता है और जिन्हें इमरजेंसी ट्रैवल डॉक्यूमेंट (ETD) जारी किए गए, वे सभी इस्तेमाल नहीं होते क्योंकि कई बार व्यक्ति अपील दायर कर देते हैं.
डोनाल्ड ट्रंप के आने के बाद कड़ी हुई आव्रजन नीति
ट्रंप प्रशासन ने 2025 की शुरुआत से ही आव्रजन नीति को कड़ा कर दिया। विदेश विभाग ने कहा, "हम वीजा धारकों की लगातार जांच करते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे सभी अमेरिकी कानूनों और आव्रजन नियमों का पालन कर रहे हैं। अगर वो ऐसा नहीं कर रहे हैं तो हम वीजा रद कर देंगे और उन्हें निर्वासित कर देंगे।"
अमेरिका ने कैसे की भारतीयों की वापसी?
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, इस साल निर्वासित किए गए 1703 लोगों में से 864 का निर्वासन चार्टर और सैन्य उड़ानों के जरिए हुआ। अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा (सैन्य उड़ानों) ने 5, 15 और 16 फरवरी को 333 लोगों को वापस भेजा। अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) ने प्रवर्तन और निष्कासन अभियानों के जरिए 19 मार्च, 8 जून और 25 जून के चार्टर फ्लाइट के जरिए कुल 231 लोगों को निर्वासित किया।
होमलैंड सुरक्षा विभाग (डीएचएस) ने भी चार्टर के जरिए 5 और 18 जुलाई को 300 लोगों को वापस भारत भेजा। इसके अलावा, 747 भारतीयों को व्यवसायिक उड़ानों के जरिए वापस भेजा गया। पनामा से भी 72 लोगों की वापसी इसी दौरान हुई।
इन राज्यों के लोगों की हुई वापसी
अगर राज्यवार देखा जाए तो सबसे ज्यादा पंजाब के 620 लोगों को डिपोर्ट किया गया। इसके बाद हरियाणा के 604, गुजरात के 245, उत्तर प्रदेश के 38, गोवा के 26, महाराष्ट्र और दिल्ली के 20-20, तेलंगाना के 19, तमिलनाडु के 17, आंध्र प्रदेश और उत्तराखंड के 12 और कर्नाटक के 5 लोगों को वापस भेजा गया।
पंजाब और हरियाणा से सबसे ज्यादा…
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 1,703 में से सबसे ज्यादा 620 लोग पंजाब से हैं. इसके बाद हरियाणा से 604, गुजरात से 245, और जम्मू-कश्मीर से 10 लोगों को अमेरिका ने डिपोर्ट किया गया. 6 लोग के राज्यों की पहचान स्पष्ट नहीं हो सकी है.
कैसे हुई डिपोर्टेशन की प्रक्रिया
केंद्रीय राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह के अनुसार, 20 जनवरी से 22 जुलाई, 2025 के बीच जिन 1,703 भारतीयों को अमेरिका से डिपोर्ट किया गया, उनमें 1,562 पुरुष और 141 महिलाएं थीं.
सरकार ने डिपोर्टेशन के लिए अमेरिका द्वारा इस्तेमाल किए गए तरीकों की भी जानकारी दी. मंत्री ने बताया कि फरवरी में 333 भारतीयों को अमेरिकी सैन्य विमानों से वापस भेजा गया. मार्च में 231 लोगों को यूएस इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एन्फोर्समेंट (ICE) के चार्टर्ड विमानों से डिपोर्ट किया गया. जुलाई में 300 भारतीयों को डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) के चार्टर्ड विमानों से भारत भेजा गया.
इसके अलावा, पनामा से 72 लोग व्यावसायिक उड़ानों से अलग-अलग समय पर भारत लौटे और 767 भारतीयों को अमेरिका से व्यावसायिक उड़ानों द्वारा वापस भेजा गया. ये लोग व्यक्तिगत रूप से या छोटे समूहों में लौटे.
इसके अलावा, पनामा से 72 लोग व्यावसायिक उड़ानों के जरिए भारत लौटे. इसी प्रकार, अमेरिका से 767 डिपोर्टी भी व्यावसायिक उड़ानों के जरिए लौटे और ये लोग भी व्यक्तिगत रूप से या छोटे समूहों में आए, जब उनके टिकट उपलब्ध कराए गए.
मानवीय व्यवहार को लेकर पूछे सवाल...
DMK सांसद कनिमोझी ने विदेश मंत्रालय से यह भी पूछा कि क्या भारत सरकार ने अमेरिका से डिपोर्ट किए जा रहे नागरिकों के साथ बेहतर समन्वय और मानवीय व्यवहार के लिए कोई कूटनीतिक कदम उठाए हैं. इस पर मंत्री ने जवाब में कहा कि भारत सरकार अमेरिका से इस मुद्दे पर लगातार संपर्क में है.
उन्होंने यह भी बताया कि डिपोर्टेशन के दौरान खासकर महिलाओं और बच्चों के साथ बेड़ियों के उपयोग को लेकर भारत सरकार ने अपनी चिंता अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष कड़े शब्दों में दर्ज कराई है. इसके साथ ही धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं को भी ध्यान में रखा और पगड़ी पहनने और खानपान संबंधी प्राथमिकताओं को लेकर भी भारत ने अमेरिका के सामने औपचारिक रूप से मुद्दा उठाया है.
मंत्री ने बताया कि 5 फरवरी 2025 के बाद से अब तक किसी भी डिपोर्टी की फ्लाइट पर दुर्व्यवहार की कोई औपचारिक शिकायत मंत्रालय को प्राप्त नहीं हुई है.