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शराब घोटाले में एसीबी को बड़ी सफलता, एक बड़े कारोबारी का भी नाम

रांची

झारखंड में शराब घोटाले की जांच कर रही एसीबी ने छत्तीसगढ़ के रायपुर के कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया समेत कई को नोटिस भेजा है। एसीबी झारखंड ने शराब घोटाले से जुड़े मामले की शुरुआत जांच में पाया है कि सिद्धार्थ सिंघानिया की भूमिका तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे के साथ मिलकर शराब नीति बनवाने में थी। इसके बाद उसने सचिव और अन्य पदाधिकारियों से मिलीभगत कर प्लेसमेंट एजेंसियों का चयन कराया। एसीबी ने अपने नोटिस में 11 जून को सिद्धार्थ सिंघानिया को दिन के 10.30 बजे तक एसीबी मुख्यालय में जांच पदाधिकारी के समक्ष उपस्थित होने का नोटिस भेजा है।

बता दें सिद्धार्थ सिंघानिया छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से जुड़े केस में भी संदिग्ध रहा है। छत्तीसगढ़ में ईडी ने अक्तूबर 2024 में सिद्धार्थ सिंघानिया के ठिकानों पर छापेमारी भी की थी। उस समय ईडी को जो डायरी मिली थी, उसमें झारखंड के शराब कारोबार में सिद्धार्थ सिंघानिया की संलिप्तता की जानकारी मिली थी। डायरी में छत्तीसगढ़ की तरह झारखंड में भी शराब कारोबार पर कब्जे की योजना दर्ज थी। इस डायरी में बसंत सोरेन और योगेंद्र तिवारी को मुख्य शत्रु बताया गया है। इतना ही नहीं, डायरी में पंजाब व हरियाणा से आने वाली शराब पर नियंत्रण की बात भी लिखी गई थी।

प्लेसमेंट एजेंसियों के चयन में कैसे की गड़बड़ी

मैनपावर सप्लाई करने वाली प्लेसमेंट एजेंसी के लिए 310 दुकानों के लिए ईएमडी राशि 49.67 लाख और बैंक गारंटी के रूप में 11.28 करोड़ निविदा शर्त के तौर पर रखे गए। निविदा में भाग लेने वाली कंपनियों के लिए शासकीय कार्य में दो साल में चार करोड़ रुपये के काम का अनुभव होना तय किया गया। इस तरह छत्तीसगढ़ में शराब कारोबार में शामिल कंपनियों सुमित फैसिलिटीज, इगल हंटर सॉल्यूसंश और एटूजेड इंफ्रा को झारखंड में काम दिया गया। इसके बाद इन सभी कंपनियों के मालिकों ने सिद्धार्थ सिंघानिया को मैनपावर सप्लाई का काम दिया। सिंघानिया ने नए मैनपावर रखने के बजाय पुराने ठेकेदारों के अधीन शराब दुकानों में काम कर रहे लोगों को ही काम पर रखा।

सिंघानिया सिंडिकेट में बिचौलिए की भूमिका में

झारखंड और छत्तीसगढ़ शराब घोटाले को लेकर ईडी की जांच में यह बात सामने आई कि कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया शराब के सिंडिकेट में बिचौलिए की भूमिका में थे। उसकी डायरी से सिंडिकेट की कई चीजें उजागर हुईं थीं। छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट के साथ मिलकर शराब नीति में फेरबदल कर दो राज्यों में शराब कारोबार पर कब्जे के लिए छत्तीसगढ़ में भी सात सितंबर 2024 को एसीबी एफआईआर दर्ज की थी। इसमें तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय चौबे, उत्पाद विभाग के संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह व अन्य अफसर के अलावा छत्तीसगढ़ के आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा के साथ कई को आरोपी बनाया गया था। झारखंड में शराब की सप्लाई, मैनपावर और होलोग्राम बनाने वाली कंपनियों को भी आरोपी बनाया गया था। इस मामले की जांच अब सीबीआई कर रही है।

सुमित फैसिलिटीज के निदेशकों को भी नोटिस

एसीबी ने सिद्धार्थ सिंघानिया के अलावा मध्यप्रदेश के भोपाल के कारोबारी मनीष जैन और राजीव द्विवेदी को भी नोटिस भेजा है। वहीं सुमित फैसिलिटीज के निदेशक पुणे निवासी अजीत जयसिंह राव, अमित प्रभाकर सलौंकि, सुनील मारुत्रे को भी नोटिस भेजा है। सुमित फैसिलिटीज छत्तीसगढ़ में भी शराब कारोबार में शामिल रही थी। सुमित फैसिलिटीज के खिलाफ झारखंड में भी शराब की बिक्री की राशि गबन करने को लेकर पूर्व में प्राथमिकी दर्ज है।

 

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