चरखी दादरी
हरियाणा के चरखी दादरी जिले में एक ऐसा अनोखा पत्थर पाया गया है, जो रबर की तरह लचीला है। इसे स्थानीय भाषा में हिलना पत्थर कहा जाता है। यह पत्थर चरखी दादरी से लगभग 7 किलोमीटर दूर कलियाणा गांव की अरावली पहाड़ियों में पाया गया है। भूगर्भीय दृष्टि से अद्वितीय यह पत्थर देशभर के वैज्ञानिकों के लिए रिसर्च का विषय बन चुका है।
क्या है 'हिलना पत्थर'?
यह पत्थर वास्तव में एक प्रकार का लचीला बलुआ पत्थर (Flexible Sandstone) है, जिसे कुछ लोग 'डांसिंग स्टोन ' भी कहते हैं। इसकी खासियत यह है कि यह पत्थर सामान्य पत्थरों की तरह कठोर नहीं, बल्कि रबड़ की तरह हल्का लचीलापन दिखाता है, जिससे यह हिलता हुआ प्रतीत होता है। इस पत्थर की खासियतों के चलते कलियाणा गांव को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी जगह मिल चुकी है।
वैश्विक पहचान और रिसर्च
अब इस अनोखी संरचना पर देश-विदेश के वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं, ताकि यह समझा जा सके कि यह पत्थर किन भूगर्भीय परिस्थितियों में बना और कैसे इसकी संरचना में लचीलापन आया। दिल्ली यूनिवर्सिटी के भूविज्ञान विभाग के प्रोफेसर प्रभास पांडे हाल ही में अपनी टीम के साथ इस पत्थर का अध्ययन करने पहुंचे थे। उनका मानना है कि यदि इस पत्थर की विशेषताओं को समझकर निर्माण कार्य में उपयोग किया जाए, तो इससे भूकंप-रोधी इमारतों का निर्माण संभव हो सकता है। यह भारत जैसे भूकंप-प्रवण देश के लिए एक बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धि साबित हो सकती है।
पर्यटन स्थल बनाने की योजना
इस विशेष पत्थर की ख्याति को देखते हुए हरियाणा सरकार इस स्थान को एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बना रही है। फिलहाल पर्यावरण, वन और खनन विभागों ने इस प्राकृतिक धरोहर को सुरक्षित रखने के लिए क्षेत्र में आम जनता के प्रवेश पर कुछ प्रतिबंध लगाए हैं। साथ ही, पत्थर को नुकसान पहुंचाने पर कानूनी कार्रवाई के संकेत बोर्डों के माध्यम से दिए गए हैं। गांव के लोग इस धरोहर को लेकर बेहद संवेदनशील हैं और अपने स्तर पर इसके संरक्षण की पूरी कोशिश कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह पत्थर न सिर्फ उनके गांव की पहचान है, बल्कि हरियाणा की सांस्कृतिक और वैज्ञानिक धरोहर भी है।