मुंबई
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर सोमवार को जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने शिंदे को हटाने की योजना तैयार कर ली है। राउत ने दावा किया, 'शिंदे इस बात को लेकर बार-बार परेशान रहते हैं और सतारा में अपने गृह नगर दारे चले जाते हैं।' उन्होंने कहा कि शिंदे गुट में नए नेतृत्व का उदय होने वाला है। उदय सामंत को 20 विधायकों का समर्थन हासिल है। राउत ने कहा कि शिंदे को जब इस प्लान के बारे में जानकारी मिली तो सीएम पद के लिए अपनी दबाव की रणनीति बदल दी। आखिरकार उन्होंने डिप्टी सीएम का पद स्वीकार कर लिया।
महाराष्ट्र में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर लंबे समय से जारी है। कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और शिवसेना (शिंदे गुट) के सीनियर नेता उदय सामंत ने बड़ा दावा किया था। उन्होंने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) के कई नेता और निर्वाचित प्रतिनिधि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के संपर्क में हैं और जल्द ही पार्टी में शामिल होंगे। सामंत ने बताया कि विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद शिवसेना (UBT) के कई सांसद, विधायक और विभिन्न सार्वजनिक निकायों के प्रतिनिधि शिंदे के संपर्क में है। जल्द ही आप देखेंगे कि शिवसेना यूबीटी के वे जनप्रतिनिधि शिंदे गुट की शिवसेना में शामिल होंगे। इस बारे में एकनाथ शिंदे की ओर से निर्णय लिया जाएगा।' हालांकि, संजय राउत ने मंत्री के दावे का खंडन किया था। उन्होंने कहा कि पार्टी में फिलहाल कोई अशांति नहीं है।
'संजय राउत हमारे लिए कोई मुद्दा नहीं'
वहीं, कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख नाना पटोले ने भी बीते दिनों संजय राउत पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी को राउत के बयानों का जवाब देने की आवश्यकता महसूस नहीं होती क्योंकि वह हमारे लिए कोई मुद्दा नहीं हैं। पटोले तो राउत की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि शिवसेना यूबीटी ने महा विकास अघाड़ी के अपने सहयोगियों के साथ गठबंधन के बजाय राज्य में अपने दम पर स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने की योजना बनाई है। हालांकि, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना यूबीटी और कांग्रेस गठबंधन सहयोगी दल हैं। पिछले साल विधानसभा चुनाव भी उन्होंने मिलकर लड़ा था, लेकिन राउत और पटोले कई मौकों पर एक-दूसरे पर निशाना साध चुके हैं।