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बड़ा हादसा: काशी विश्वनाथ मंदिर के पास दो मकान गिरे..महिला पुलिसकर्मी सहित 9 लोग मलबे में दबे, एक की मौत..

हादसे के बाद मैदागिन और गोदौलिया से मंदिर जाने वाले गेट नंबर 4 से श्रद्धालु के प्रवेश बंद कर दिया गया।

मंगलवार सुबह काशी विश्वनाथ मंदिर के पास दो मकान ढह गए। इसमें ड्यूटी पर तैनात महिला पुलिसकर्मी समेत 9 लोग मलबे में दब गए। 8 को सुरक्षित बाहर निकाला गया। 43 साल की 1 महिला की मौत हो गई। हादसे के वक्त लोग सो रहे थे।

सूचना मिलते ही कई थाने की पुलिस फोर्स पहुंची। NDRF बुलाई गई। 6 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन चला। जिस गली में हादसा हुआ, उसकी चौड़ाई महज 8 फीट है। ऐसे में वहां रेस्क्यू का पूरा काम मैनुअली हुआ। NDRF ने मलबे को हाथों से हटाया। इस वजह से रेस्क्यू में वक्त लग गया। दोनों घर मंदिर कॉरिडोर से महज 10 मीटर दूर हैं।

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के पास खोवा गली में दोनों मकान अगल-बगल बने हुए थे। इनके मालिक राजेश और मनीष गुप्ता सगे भाई हैं। मकान 70-75 साल पुराने थे। दीवारें जर्जर हो चुकी थीं। मनीष गुप्ता का मकान 4 मंजिला, जबकि राजेश गुप्ता का मकान 3 मंजिला था।मंगलवार तड़के 3 बजे मनीष गुप्ता का मकान भरभराकर गिर पड़ा। थोड़ी देर बाद बगल में दूसरा मकान भी ढह गया। घर के बाहर मंदिर बना हुआ है, वह भी क्षतिग्रस्त हो गया। दीवार के पास ही पुलिस पिकेट बनी है। यहां तैनात महिला पुलिसकर्मी भी मलबे में दबकर घायल हो गई।

मकान गिरते ही चीख पुकार मच गई। स्थानीय लोगों ने बताया कि हम लोग दौड़कर मौके पर पहुंचे, लेकिन मकान इस तरह से गिरे थे कि कोई अंदर जाने की हिम्मत नहीं कर रहा था। डर था कि जो दीवारें खड़ी हुई हैं, वह भी न गिर जाए। थोड़ी देर में पुलिस भी पहुंच गई। NDRF को बुलाया गया। मकान पुराने थे। इसमें दो परिवार रहते थे। एक रिलेटिव आए थे। 2 किराएदार भी रहते थे। हादसे के बाद तत्काल रेक्स्यू ऑपरेशन चलाकर सभी को बाहर निकाला गया। महिला कॉन्स्टेबल के जबड़े में चोट लगी है।

गेट नंबर 4 से श्रद्धालु का प्रवेश बंद

हादसे के बाद मैदागिन और गोदौलिया से मंदिर जाने वाले गेट नंबर 4 से श्रद्धालु के प्रवेश बंद कर दिया गया। श्रद्धालु को गेट नंबर 1 और 2 से मंदिर भेजा जा रहा है। अभी सर्च ऑपरेशन चल रहा है। डॉग स्क्वायड और टेक्निकल यूनिट सर्च ऑपरेशन चला रही है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि, मनीष गुप्ता मकान को ठीक करवाना चाहते थे, लेकिन काशी विश्वनाथ परिक्षेत्र में किसी भी निर्माण के लिए अनुमति लेनी पड़ती है। उन्होंने मंदिर प्रशासन से लेकर नगर निगम से अनुमति मांगी थी कि मकान को जमींदोज कर दिया जाए या मरम्मत कराने के आदेश दिया जाए, लेकिन अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने मकान के मरम्मती के लिए सामान भी मंगा लिया था।

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