छत्तीसगढ़

CG NEWS: नक्सल प्रभावित क्षेत्र की बेटी बनी डीएसपी.. CGPSC में 336वां रैंक हासिल, कलेक्टर ने किया सम्मानित..

बस्तर: नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर ब्लॉक के घोटिया गांव की रहने वाली आदिवासी युवती नीतू सिंह ठाकुर ने अपनी मेहनत और लगन से साल 2021 में आयोजित छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में DSP के लिए चयनित हुई है. उनकी इस उपलब्धि से परिवार के साथ-साथ बस्तरवासियों में भी खुशी की लहर है। बस्तर का मान बढ़ाने वाली नीतू को 15 मई को जिला कार्यालय में बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम के. ने सम्मानित किया।

नीतू सिंह ठाकुर को इस परीक्षा में 336 वां रैंक हासिल हुआ है. बस्तर ब्लॉक के एक छोटे से गांव से डीएसपी बनने वाली नीतू सिंह ठाकुर पहली आदिवासी युवती है. इस उपलब्धि को हासिल करने के बाद नीतू सिंह ठाकुर को बधाई देने के लिए गांव वालों के साथ-साथ समाज के लोगों भी बधाई दे रहे है.

दूसरे प्रयास में मिली सफलता
नीतू ठाकुर ने बताया कि बचपन से ही उसे पुलिस में भर्ती होने की इच्छा थी. इसलिए स्कूली शिक्षा में भी अव्वल रहने के साथ कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की परीक्षा के लिए 2017 से पढ़ाई शुरू की. हालांकि नीतू सीजी पीएससी की परीक्षा में पहले प्रयास में विफल रही. लेकिन दूसरे प्रयास में कड़ी मेहनत कर और कोरोनाकाल की वजह से घर में ही मेंस की तैयारी कर 2021 में हुए सीजी पीएससी की परीक्षा पास कर डीएसपी के लिए चयनित हुई.

नीतू ने बताया कि उसकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल में हुई. जिसके बाद बस्तर में कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर सीजी पीएससी परीक्षा में प्री के लिए कोचिंग ली. लेकिन मेंस के लिए घर पर ही तैयारी की और आखिरकार 2021 की परीक्षा में सफल हुई. नीतू कहती है कि समर्पण निष्ठा और हौसले से की गई मेहनत कभी बेकार नहीं जाती. यही वजह है कि उसने सीजी पीएससी परीक्षा को पास करने के लिए पूरे लगन से तैयारी किया और इससे उसे सफलता भी मिली.

इस उपलब्धि के लिए नीतू ने अपने माता पिता और शिक्षकों को श्रेय दिया है. उन्होंने कहा कि बस्तर को पिछड़ा क्षेत्र माना जाता है. यहां के गांव के युवतियों की छोटी उम्र में ही शादी कर दी जाती है. गांव की युवती ज्यादा पढ़ाई नहीं कर सकती इस सोच को बदलने के लिए नीतू ने कॉलेज में ग्रेजुएशन की. फिर सीजीपीएससी की परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. आखिरकार उसे सफलता भी मिली. नीतू ने कहा कि डीएसपी बनकर वह बस्तर और अपने प्रदेशवासियों की सेवा करना चाहती है.

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