उज्जैन
उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में नए साल 2026 से एक बड़ा और व्यवस्था बदलने वाला नियम लागू हो गया है। मंदिर समिति ने निर्णय लिया है कि सभी पुजारी, पुरोहित और उनके प्रतिनिधियों को ड्रेस कोड का पालन करना होगा। उन्हें अपना आईडी प्रदर्शित करना होगा। यह नियम सुरक्षा, अनुशासन और उनकी स्पष्ट पहचान सुनिश्चित करने के लिए लागू किया जा रहा है।
जानें क्यों उठाया ये कदम?
बता दें कि पिछले कुछ समय से महाकाल मंदिर में दर्शनार्थियों की संख्या लगातार बढ़ी है। खासतौर पर त्यौहारों, विशेष अवसरों और सामान्य दिनों में भी उमड़ने वाली भक्तों की भीड़ की वजह से कई बार सुरक्षा एजेंसी कर्मचारियों को पहचानना मुश्किल हो जाता था। कई बार गैर रजिस्टर्ड लोग भी खुद को मंदिर का सेवक या प्रतिनिधि बताकर मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश कर चुके हैं। ऐसे मामलों से निपटने के लिए मंदिर समिति अब सख्त व्यवस्था लागू कर रही है।
किस पर लागू होगा ये नया नियम
ड्रेस कोड का ये नया नियम केवल मंदिर के पुजारियों और पुरोहितों समेत उनके प्रतिनिधियों और मंदिर सेवकों के लिए ही लागू किया जा रहा है।
-16 रजिस्टर्ड पुजारी
– 22 पुरोहित
– 45 प्रतिनिधि (इनमें एजेंट/सहयोगी भी शामिल)
कैसी होगी ड्रेस
मंदिर प्रशासन एक मानक पोशाक तय कर रहा है। जिसमें रंग, डिजाइन और पहनने का तरीका एकदम समान होगा। ताकि भीड़ में भी इन्हें तुरंत पहचाना जा सके। ये ड्रेस इनकी परम्परा से मेल खाती हो, इसका विशेष ध्यान रखते हुए ड्रेस कोड लागू किया जा रहा है।
ID कार्ड भी अनिवार्य
-आईडी कार्ड मंदिर प्रशासन की ओर से जारी किए जाएंगे
-ताकि अधिकृत व्यक्तियों की पहचान आसान हो सके
-फर्जी प्रतिनिधियों पर लगेगी रोक
– सुरक्षा व्यवस्था के लिए जरूरी कदम
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जानें क्या कहती है मंदिर समिति?
मामले में महाकालेश्वर उज्जैन मंदिर समिति सदस्यों का कहना है कि महाकाल मंदिर की गरिमा, सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने यह कदम उठाने की तैयारी की है। नए साल में हर पुजारी, पुरोहित तय नियम में ही सेवा दे पाएगा। नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।



