मध्य्प्रदेश

सात साल पुराने मामले में कांग्रेस विधायक निलेश उईके को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए न्यायालय उठने तक की सजा सुनाई

पांढुर्णा
सात साल पुराने सड़क हादसे के एक मामले में पांढुर्णा से कांग्रेस विधायक निलेश उईके और उनके सहयोगी योगेश मरकाम को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए न्यायालय उठने तक की सजा सुनाई है। एमपी/एमएलए विशेष न्यायालय के विशेष न्यायाधीश तथागत याग्निक ने यह फैसला सुनाते हुए दोनों पर 500-500 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

जानिए, क्या है मामला
घटना 20 मई 2017 की है। विधायक निलेश उईके ने अपने साथी योगेश मरकाम को एक बिना नंबर के आयशर ट्रैक्टर चलाने को दिया था। यह ट्रैक्टर योगेश के भाई राकेश की शादी के लिए बारातियों को लाने-ले जाने में उपयोग किया जा रहा था। ट्रैक्टर जब लिंगा रोड (पांडू पिपरिया-कुलानिया मार्ग) से गुजर रहा था, उसी दौरान अनियंत्रित होकर पलट गया। हादसे में ट्रॉली में सवार प्रदीप नामक युवक की मौके पर ही मौत हो गई। न्यायालय ने माना कि बिना ड्राइविंग लाइसेंस की पुष्टि किए बिना ट्रैक्टर चलवाना गंभीर लापरवाही है। विशेषकर जब ऐसा कृत्य एक जनप्रतिनिधि द्वारा किया गया हो तो यह और भी गंभीर बन जाता है। न्यायालय ने इसे मोटर व्हीकल एक्ट का स्पष्ट उल्लंघन मानते हुए दोषसिद्धि दी।

सजा दी और जुर्माना लगाया
सरकारी वकील सहायक लोक अभियोजन अधिकारी विजय कोटिया ने अदालत में बताया कि योगेश मरकाम के पास ट्रैक्टर चलाने का लाइसेंस नहीं था। इसके बावजूद उसे भारी वाहन चलाने दिया गया, जिससे एक जान चली गई। यह एक लापरवाही से हुई मौत है, न कि केवल एक दुर्घटना। कोर्ट ने दोनों आरोपियों को न्यायालय उठने तक की सजा दी और 500-500 रुपये का जुर्माना लगाया। हालांकि, यह सजा प्रतीकात्मक है, लेकिन इससे यह स्पष्ट संदेश गया है कि कानून सबके लिए समान है। इस फैसले पर विधायक निलेश उईके या उनके वकील की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

 

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