इंदौर
करीब 12 साल बाद आसाराम उसी आश्रम में वापस लौटा है, जहां से राजस्थान पुलिस की टीम उसे आधी रात में गिरफ्तार कर ले गई थी। समर्थकों की भीड़ जुटाकर आसाराम ने गिरफ्तारी से बचने की कोशिश की थी लेकिन पुलिस के आगे उसकी एक नहीं चली थी। जोधपुर पुलिस की टीम रात साढ़े 12 बजे उसे आश्रम से लेकर इंदौर एयरपोर्ट के लिए निकल गई थी। मामले में दोषी पाए जाने के बाद वह इलाज के नाम पर जेल से बाहर है। कुछ दिन पहले आसाराम को अहमदाबाद के आश्रम में देखा गया था, अब वह इंदौर पहुंचा है। इंदौर में अभी भी उसका जलवा देखने को मिला है। सुबह से इंदौर आश्रम के बाहर भीड़ है।
उपचार के लिए जमानत पर जेल से बाहर आया आसाराम मंगलवार रात 10 बजे खंडवा रोड स्थित आश्रम पर पहुंचा। सड़क मार्ग से आसाराम के साथ उसके अनुयायियों का काफिला था। उसके आने की सूचना के चलते सुबह से आश्रम पर तैयारी शुरू हो गई थी।
हालांकि इस संबंध में आश्रम से जुड़े सदस्य कुछ भी कहने से इन्कार करते रहे। 12 साल पहले आसाराम को इंदौर स्थित इसी आश्रम से दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार किया गया था। रात में आसाराम के काफिले ने सीधे आश्रम के भीतर प्रवेश किया।
अनुयायियों से सामूहिक रूप से मिलने का कोई कार्यक्रम नहीं
इस दौरान आश्रम में अन्य लोगों की आवाजाही बंद थी। आश्रम से मिली जानकारी के मुताबिक वह अगले कुछ दिन यहां स्वास्थ्य लाभ लेगा। इस दौरान अनुयायियों से सामूहिक रूप से मिलने का कोई कार्यक्रम नहीं है।
14 जनवरी को मिली थी अंतरिम जमानत
वह गोधरा से सड़क मार्ग से इंदौर आश्रम पहुंचा है। 12 साल पहले दुष्कर्म के आरोप में इंदौर से आसाराम की गिरफ्तारी हुई थी। राजस्थान हाई कोर्ट से 14 जनवरी को अंतरिम जमानत मिलने के बाद आसाराम इंदौर आया है। दुष्कर्म के मामले में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
इंदौर वाले आश्रम में करीब 12 साल बाद रौनक लौटी है। आसाराम के आने की वजह से यहां बड़ी तैयारी की गई थी। आश्रम को भव्य तरीके से सजाया गया था। साथ ही लाइटिंग भी गई थी। इससे वहां उत्सवी माहौल लग रहा था। आसाराम को यह जमानत 2013 के बलात्कार मामले में मेडिकल आधार पर मिली है। हालांकि, कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि आसाराम किसी भी प्रकार से सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे और अपने भक्तों से नहीं मिलेंगे।
इसी आश्रम से हुई थी गिरफ्तार
12 साल पहले, 31 अगस्त 2013 को राजस्थान पुलिस ने आसाराम बापू को इंदौर के इसी आश्रम से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के दौरान उनके समर्थकों ने पुलिस का काफी विरोध किया और हंगामा भी किया था। पुलिस को आश्रम के भीतर जाने में भी काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। जांच के दौरान आश्रम में अवैध निर्माण का मामला भी सामने आया, जो अब भी कोर्ट में लंबित है।