जांजगीर
ओपन बोरवेल में फंसे राहुल तक पहुंचने में अब 8 से 10 घंटे का समय और लग सकता है। सुरंग के रास्ते में एक बड़ा चट्टान आने के कारण नई मुश्किल खड़ी हो गई है।
SECL की हैवी मशीन में वाइब्रेशन ज्यादा था। इससे बोरवेल धसकने का खतरा था, इसलिए मैनुअल काम शुरू किया गया।
अब जांजगीर से रॉक कटर नई मशीन मंगाई गई है, जो डोलोमाइट खदानों में माइनिंग के काम आती है। इससे पत्थर कटने की गति बढ़ गई है, लेकिन विषम परिस्थितियों को देखते हुए अफसरों का अनुमान है कि राहुल तक पहुंचने में शाम हो जाएगी। सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि राहुल इतने घंटे बीत जाने पर भी बोरवेल के भीतर एक्टिव है। सुबह उसने केला खाया और जूस पी थी।
बहरहाल बिलासपुर से ड्रिल मशीन रेस्कयू स्थल पहुँच गई है। कुछ देर में नीचे ले जाया जाएगा इससे ही सुरंग की राह में बाधा बने चट्टान को काटा जाएगा।