धर्म

करवा चौथ पर इन गलतियों से बचें, वरना टूट सकता है व्रत का संकल्प!

भारत में सुहागिन महिलाओं के लिए करवा चौथ का व्रत सबसे कठिन और महत्वपूर्ण माना जाता है. यह व्रत पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य के लिए रखा जाता है. पंचांग के अनुसार, करवा चौथ का व्रत इस बार शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025 को रखा जाएगा. यह व्रत सूर्योदय से पहले सरगी खाकर शुरू होता है और चांद को अर्घ्य देने के बाद ही पूरा होता है. इस दिन महिलाएं निर्जला उपवास रखती हैं, इसलिए इस व्रत के नियमों का पालन बहुत ही सावधानी से करना चाहिए. जाने-अनजाने में की गई कुछ गलतियां आपके व्रत का संकल्प तोड़ सकती हैं और पूजा का फल कम कर सकती हैं. आइए जानते हैं वो कौन से काम हैं जिन्हें आपको करवा चौथ के दिन भूलकर भी नहीं करना चाहिए.

करवा चौथ के व्रत में करें इन नियमों का पालन!

अन्न और जल का सेवन न करें
करवा चौथ का व्रत निर्जला रखा जाता है, जिसका अर्थ है पूरे दिन बिना पानी और भोजन के रहना.

सबसे बड़ी गलती: सूर्योदय के बाद और चंद्रोदय से पहले गलती से भी पानी की एक बूंद या अन्न का एक दाना ग्रहण न करें. यदि अनजाने में ऐसा हो जाए, तो व्रत खंडित माना जाता है.

उपाय: अगर गलती से व्रत टूट जाए, तो तुरंत स्नान करके साफ कपड़े पहनें. भगवान शिव-पार्वती, गणेश जी और करवा माता से क्षमा-याचना करें और चंद्रोदय होने तक व्रत जारी रखने का संकल्प लें.

धारदार वस्तुओं का प्रयोग न करें
करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाओं को कैंची, चाकू, सुई या किसी भी धारदार वस्तु का प्रयोग नहीं करना चाहिए.

कारण: शास्त्रों में माना जाता है कि इन वस्तुओं का प्रयोग करने से व्रत का फल कम होता है और यह अशुभ भी माना जाता है. इसलिए इस दिन सिलाई-कढ़ाई जैसे काम से बचना चाहिए.

सलाह: सब्जियों को काटने या अन्य काम के लिए किसी और से मदद ले सकते हैं.

सफेद और काले रंग के कपड़े न पहनें
पूजा-पाठ और शुभ अवसरों पर काले और सफेद रंग को अशुभ माना जाता है.

कारण: काला रंग नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है, जबकि सफेद रंग विधवापन का प्रतीक है.

क्या पहनें: करवा चौथ के दिन लाल, गुलाबी, पीला, नारंगी या हरा जैसे चमकीले और शुभ रंग के कपड़े पहनें.यह सौभाग्य और वैवाहिक जीवन में खुशहाली का प्रतीक माना जाता है.

बुजुर्गों या किसी का अनादर न करें
उपवास के दौरान महिलाओं को शांत, संयमित और विनम्र रहना चाहिए.

क्या न करें: किसी भी व्यक्ति, विशेषकर बुजुर्गों, सास-ससुर या पति का अनादर न करें. किसी से झगड़ा या अपशब्द न बोलें.

कारण: माना जाता है कि व्रत के दिन क्रोध करना, झगड़ा करना या किसी को बुरा-भला कहना व्रत के फल को समाप्त कर देता है.

सोने से बचें और शारीरिक श्रम न करें
पूरे दिन निर्जला व्रत रखने से थकान महसूस होना स्वाभाविक है, लेकिन कुछ धार्मिक नियम हैं.

क्या करें: दिन में ज़्यादा सोने से बचें.संभव हो तो पूरा दिन जागकर भगवान का स्मरण करें या करवा चौथ की कथा सुनें.

क्या न करें: व्रत के दिन भारी शारीरिक श्रम या थका देने वाले काम करने से बचना चाहिए. इससे प्यास अधिक लग सकती है और व्रत खंडित होने की संभावना बढ़ जाती है.

किसी को सुहाग की सामग्री दान न करें

करवा चौथ पर अपने सुहाग की वस्तुएं किसी और को देने से बचें.

सुहाग सामग्री: अपनी मेहंदी, सिंदूर, चूड़ियां, बिंदी या श्रृंगार की कोई भी वस्तु किसी अन्य महिला को दान न करें या न दें. यह आपके सौभाग्य को कम कर सकता है.

क्या करें: यदि दान करना ही है तो नई सुहाग सामग्री खरीदकर दान करें.

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