जांजगीर-चांपा। बीडीएम अस्पताल में हुई एक बड़ी लापरवाही के चलते 22 माह के मासूम की जान चली गई। बताया जा रहा है कि मासूम को सांप ने काट लिया था, जिसके बाद परिजन उसे तत्काल बीडीएम अस्पताल लेकर पहुंचे। लेकिन अस्पताल में एंटी-स्नेक वेनम मौजूद होने के बावजूद, वहां मौजूद स्टाफ नर्सों ने मासूम को गंभीरता से नहीं लिया और बिना इलाज किए उसे मौखिक रूप से निजी अस्पताल भेज दिया।
सर्पदंश से पीड़ित मासूम का बिना उपचार किये निजी अस्पताल जाने की सलाह देने वाली बीडीएम अस्पताल की दो नर्स को निलंबित कर दिया गया है। दोनों नर्स की लापरवाही के चलते मासूम की जान चले गई। इस मामले को गंभीरता से लेते हुये लापरवाही बरतने वाली नर्स को निलंबित कर दिया गया है।
यह घटना 29 जुलाई की रात का है।आयुष देवांगन 22 माह के मासूम को सांप ने काट लिया था। परिजनों ने उसे गंभीर हालत में लेकर बीडीएम शा.चिकित्सालय चांपा पहुंच थे। रात करीब 12ः40 मिनत पर ड्यूटी में तैनात दो नर्स ने अस्पताल के डाॅक्टरों को बिना सुचित किये ही और बिना उपचार के ही मासूम को निजी अस्पताल जाने की सलाह दिये थे। दोनों नर्स की लापरवाही से मासूम की जान चले गई, जिसके बाद परिजनों ने दोनों नर्स की आक्रोशित लोगों ने शिकायत की थी।
संभागीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवायें ने शिकायत को गंभीरता से लिया और स्टाफनर्स सविता महिपाल व मीनू पटेल बीडीएम शा. चिकित्सालय को तत्काल प्रभाव निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि में दोनों सक्षम अधिकारी के बिना सूचना के निर्धारित मुख्यालय नहीं छोड़गे। निलंबन अवधि में दोनों को नियुमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता की प्रात्रता होगी।