बिलासपुर। कबाड़ दुकान संचालक SP से सेटिंग होने का धौंस दिखाकर छोटे कबाड़ दुकानों से अवैध रूप से लोहे का सामान खरीद रहा था। गुरुवार को पुलिस ने दबिश देकर उसकी मेटाडोर को जब्त कर लिया। चोरी की आशंका पर 4 टन कबाड़ बरामद किया गया है, जिसकी कीमत करीब 93 हजार है।
सरकंडा पुलिस को पिछले काफी समय से सूचना मिल रही थी कि चांटीडीह निवासी संतोष रजक पिता इतवारी रजक अपनी दुकान में अवैध कबाड़ का सामान, बाइक के पार्ट्स और चोरी के लोहे के कबाड़ की बड़े पैमाने पर खरीदी करता है।
खबर मिलते ही पहुंची पुलिस की टीम
पुलिस की पेट्रोलिंग टीम को वह एसपी तक पहुंच होने का धौंस भी दिखाता था। गुरुवार को पता चला कि वह कबाड़ को दूसरी जगह बिक्री करने के लिए मेटाडोर में लोडकर रहा है। खबर मिलते ही टीआई तोप सिंह अपनी टीम के साथ उसके गोदाम में पहुंच गई।
जांच के दौरान मेटाडोर में लोड चार टन कबाड़ बरामद किया गया, जिसका बिल व रसीद नहीं पेश कर सका। लिहाजा, चोरी का कबाड़ होने के संदेह पर पुलिस उसे पकड़ कर थाने ले आई। आरोपी संतोष रजक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
SP रजनेश सिंह के कार्यकाल में पहली गिरफ्तारी
बताया जा रहा है कि संतोष रजक सरकंडा क्षेत्र के छोटे कबाड़ दुकान संचालकों को पनाह देता है। उनसे चोरी का माल खरीदने के साथ ही वह पुलिस से सेटिंग होने का धौंस दिखाता है, जिसके कारण पुलिस की टीम उसके यहां सीधे जांच करने नहीं जा पाती है।
हालांकि, इससे पहले वो कई बार गिरफ्तार हो चुका है, लेकिन एसपी रजनेश सिंह के कार्यकाल में पहली बार उसके खिलाफ कार्रवाई की गई है। यही वजह है कि वह एसपी तक पहुंच होने का भी धौंस दिखाता है।
कोनी और चकरभाठा में बेखौफ चल रही दुकानदारी
शहर के कोनी और चकरभाठा क्षेत्र में कबाड़ियों के बड़े ठिकाने हैं। इसके साथ ही सिरगिट्टी क्षेत्र में भी कई कबाड़ी सक्रिय हैं। कोतवाली क्षेत्र में कबाड़ियों के ठिकाने से पुलिस ने कई बार चोरी के सामान और वाहन के पार्ट्स जब्त किए हैं।
इसके बाद भी पुलिस इस क्षेत्र में कबाड़ियों के ठिकाने पर नियमित जांच नहीं करती। जिसके कारण चोरी के वाहन कबाड़ियों के ठिकाने पर खपाए जा रहे हैं।
वाहन चोरों पर लगाम नहीं
कबाड़ियों के ठिकाने पर कार्रवाई के दौरान पुलिस को कई बार भारी मात्रा में वाहनों के पार्ट्स मिले हैं। इधर शहर में लगातार वाहन चोरी की शिकायतें सामने आ रही है। पुलिस वाहन चोरों पर लगाम नहीं लगा पा रही है। आशंका है कि चोरी के वाहन कबाड़ियों के ठिकाने पर खपाए जा रहे हैं। इसके बाद भी पुलिस केवल खानापूर्ति की कार्रवाई कर रही है।