रायपुर: छत्तीसगढ़ में चुनाव का वक्त नजदीक आता जा रहा है। बीजेपी और कांग्रेस के प्रभारी संगठन के लोगों से चर्चा कर कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम कर रहे हैं। इसके साथ ही चुनावों की रणनीतियों को बनाने में जुट गए हैं। अभी से ही टिकट मिलने और टिकट कटने को लेकर चर्चा शुरू हो गयी है। कांग्रेस ने अभी से ही नारा बुलंद कर दिया है, “अबकि बार 75 पार” इस मिशन को कामयाब बनाने के लिए टिकट बंटवारे पर कांग्रेस को खासा ध्यान रखना होगा। कयास लग रहे हैं कि कई विधायकों के टिकट कट सकते हैं। ये कयास इसलिए शुरू हुए, क्योंकि कल बिलासपुर में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस प्रभारी कुमारी सैलजा ने बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि टिकट ऐसे ही किसी को नहीं मिल जाती है। पहले सर्वे होता है और फिर परफार्मेंस के आधार पर टिकट मिलता है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने टिकट कटने को लेकर मीडिया में पूछे गये एक सवाल के जवाब में कहा- प्रदेश प्रभारी की मंत्रियों के साथ बैठक हुई है, विधायकों के साथ भी उनकी बैठक हुई है। प्रदेश प्रभारी का काम ही है रिपोर्ट लेना। अधिकतर विधायकों की परफॉर्मेंस अच्छी है। अगर परफॉर्मेंस अच्छी होगी तो टिकट क्यों कटेगी? कुछ लोगों के स्वास्थ्यगत विषय हैं, नाराजगी भी हो सकती है। अभी भी चार माह समय है विधायक परफार्मेंस सुधार कर सकते हैं
प्रदेश प्रभारी मोहन मरकाम ने कांग्रेस के परफॉर्मेस रिपोर्ट पर कहा- सर्वे के टॉप 3 नामों पर हम विचार करते है, हमारे साथी उन्हें जीतने में लग जाए। बिलासपुर संभाग के 11 सीटें पिछले चुनाव में हम हारे थे। उन्हें कैसे जीते इस रणनीति के साथ हम आगे बढ़ रहे है। अभिभावक की भूमिका होती है जो भी संगठन और पार्टी हित में है वह निर्णय लेते है। संगठन का मुखिया होने के नाते अपना परफॉर्मेस देना होता है।