केरल
केरल हाई कोर्ट ने शुक्रवार को राज्य पुलिस को आदेश दिया कि वह सबरीमला मंदिर के चौखट या लिंटर से सोने की हेराफेरी को लेकर आपराधिक केस दर्ज कर जांच शुरू करे। जस्टिस राजा विजयराघवन वी. और जस्टिस के. वी. जयकुमार की पीठ ने कहा, 'अब तक की गई जांच से ऐसा प्रतीत होता है कि जहां तक चौखट का संबंध है, सोने की हेराफेरी की गई है। हमारे समक्ष पेश सतर्कता रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि काफी मात्रा में सोना लगभग 474.9 ग्राम – उन्नीकृष्णन पोट्टी (सोने की परत चढ़ाने का प्रस्ताव देने वाले प्रायोजक) को सौंपा गया था।’ हालांकि, रिकॉर्ड से यह पता नहीं चलता कि सोने की यह मात्रा त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड (TDB) को सौंपी थी।
पीठ ने अपनी ओर से गठित विशेष जांच दल (SIT) को चौखट मुद्दे के साथ-साथ जांच के दौरान सामने आने वाले अन्य सभी पहलुओं की भी पड़ताल करने का निर्देश दिया। इसने कहा कि सतर्कता रिपोर्ट त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड के समक्ष रखी जाए, जिसे उसे राज्य पुलिस प्रमुख को भेजने का आदेश दिया गया। राज्य पुलिस प्रमुख को एडीजीपी (अपराध शाखा और कानून व्यवस्था) एच. वेंकटेश को इस मामले के संबंध में आपराधिक मामला दर्ज करने और जांच शुरू करने का निर्देश देने के लिए कहा गया।
SIT को निष्पक्ष जांच करने का निर्देश
9 अक्टूबर को जारी सरकारी आदेश के अनुसार, एडीजीपी वेंकटेश एसआईटी का नेतृत्व कर रहे हैं। पीठ ने एसआईटी को पूरी तरह से निष्पक्ष और त्वरित जांच करने का निर्देश दिया ताकि अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जा सके। SIT को 6 सप्ताह के भीतर एक रिपोर्ट दाखिल करने और हर 2 सप्ताह में एक बार अदालत के समक्ष जांच की स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश भी दिया गया। पीठ ने यह भी कहा कि SIT अदालत के प्रति सीधे जवाबदेह होगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जांच अत्यंत विवेक और ईमानदारी के साथ की जाए। एसआईटी को यह भी निर्देश दिया गया कि जांच पूरी होने तक वह जांच का विवरण जनता या मीडिया को नहीं बताए।