जगदलपुर। बस्तर में नक्सल विरोधी अभियान तेज होने के साथ ही माओवादी अब बौखलाहट में निर्दोष ग्रामीणों को अपना निशाना बना रहे हैं। साल 2025 की शुरुआत से अब तक नक्सल हिंसा 7 महीने में 30 ग्रामीणों की हत्या हो चुकी है। इनमें कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। माओवादियों ने मुखबिरी के शक में 27 ग्रामीणों की जान ली, जबकि 3 ग्रामीण IED ब्लास्ट की चपेट में आए। यह सभी घटनाएं बस्तर संभाग के विभिन्न जिलों में हुई हैं, जहां माओवादी अब सॉफ्ट टारगेट को चुनकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश कर रहे हैं।
सुरक्षाबलों की ओर से लगातार हो रही कार्रवाइयों से नक्सली संगठन को भारी नुकसान हुआ है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा माओवाद के समूल नाश की रणनीति के तहत अब तक बस्तर में 450 से अधिक माओवादी मारे जा चुके हैं। इस दबाव के चलते माओवादी अब सीधे मुठभेड़ में भिड़ने की बजाय ग्रामीणों को टारगेट बना रहे हैं।