लखनऊ
विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कांग्रेस द्वारा अपनी विधायक आदिति सिंह व राकेश सिंह की सदस्यता खत्म करने संबंधी याचिका को बलहीन करार देते हुए खारिज कर दी। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि प्रकरण के तथ्यों, संबंधित अभिलेखों व सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था के आधार पर इस मामले का परीक्षण किया गया। रायबरेली सदर की विधायक आदिति सिंह व हरचंदपुर से विधायक राकेश सिंह पर भारत के संविधान की दसवी अनुसूची के प्रावधान आकर्षित नहीं होते हैं। ऐसे में विपक्षी को दल परिवर्तन के आधार पर निरर्हता से ग्रसित नहीं माना जा सकता। प्रस्तुत याचिका बलहीन होने के कारण निरस्त की जाती है।
कांग्रेस ने आदिति सिंह व राकेश सिंह की सदस्यता खत्म कराने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष याचिका दाखिल की थी। इससे पहले सपा ने शिवपाल यादव की सदस्यता खत्म करने की याचिका दाखिल की थी लेकिन सपा ने बाद में खुद ही उस याचिका को वापस ले लिया था।
कांग्रेस की नीतियों पर सवाल उठाती रहीं हैं
असल में अदिति सिंह कई मौकों पर कांग्रेस की नीतियों की आलोचना की चुकी हैं। उन्होंने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा प्रवासी श्रमिकों के लिए खराब बसे भेजे जाने को क्रूर मजाक बताया था साथ ही योगी आदित्यनाथ की तारीफ भी की थी। उन्होंने ट्वीट के जरिए कहा था, आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत, एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 ऑटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है, अगर बसें थीं तो राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र में क्यूं नहीं लगाई। अदिति सिंह पिछले साल पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुए यूपी विधानसभा के विशेष सत्र में शामिल हुई थीं। इस पर कांग्रेस ने उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर कोरोना वॉरियर्स के लिए दिए भी जला चुकी हैं।