वाराणसी
यूपी के हनुमान घाटी पहाड़ी (अहरौरा, मिर्जापुर) के पास शुक्रवार को गड्ढे में मिले तेजाब से जलाए गए दोनों शव वाराणसी के युवकों के थे। उनकी अपहरण के बाद हत्या हुई थी और शव अहरौरा में फेंका गया था। वे 22 दिसंबर से लापता थे। उनमें एक वाराणसी के महमूरगंज के गोपाल विहार कॉलोनी निवासी अशोक कुमार पांडेय का इकलौता बेटा 24 वर्षीय रवि पांडेय और दूसरा गोला दीनानाथ निवासी बब्बल केसरी का 24 वर्षीय पुत्र शुभम केसरी था। अशोक पांडेय एक दवा फर्म में काम करते हैं। रवि हरिश्चंद्र पीजी कॉलेज में बीकॉम तृतीय वर्ष का छात्र था। बब्बल केसरी की गोलादीनानाथ के रंग मार्केट में परचून की दुकान है।
दोनों युवक जिस बाइक (यूपी-65 एक्यू 8867) से निकले थे, वह शुभम के पड़ोसी सुनील गुप्ता की थी। बाइक बरामद नहीं हुई है। शुभम केसरी डी-25 गैंग का सरगना और चौक थाने के टाप-10 अपराधियों में एक था। उस पर हत्या, लूट और रंगदारी कुल 14 केस थे। वह 28 अगस्त 2017 को चौक में मोहन निगम की हत्या में भी आरोपित था। वह लॉकडाउन में जिला जेल से पैरोल पर बाहर आया था। फिर हाजिर नहीं हुआ। जेल प्रशासन के पत्राचार के बाद भी कोतवाली पुलिस उसे पकड़कर पेश नहीं कर पाई थी। अहरौरा पुलिस के मुताबिक एक या दो दिन पहले हत्या करके शव यहां लाकर फेंका गया। तेजाब डालकर पहचान मिटाने की कोशिश की गई। दोनों के हाथ बंधे थे। आशंका है कि 22 दिसंबर की रात ये कहीं निकले, फिर अपहरण कर कई दिन रखा गया होगा।