अयोध्या
पद्म विभूषण जगतगुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि धारा-370, 35 (ए) का समाप्त होना, तीन तलाक, 80 करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त राशन, 10 करोड़ परिवारों को शौचालय मिलना एवं भारत में पांच राफेल आना रामराज्य की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि मैंने श्रीराम जन्मभूमि के मुकदमों के सबन्ध में जो पौराणिक तथ्यों को प्रस्तुत किया, कोर्ट ने उसका जिक्र बार-बार किया। श्री रामभद्राचार्य महाराज ने बताया कि अवध विवि के कुलपति और मैंने बीएचयू से शिक्षा ग्रहण की है। जगतगुरु ने कुलपति को आशीर्वाद देते हुए चित्रकूट आने का निमन्त्रण दिया।
जगदगुरु रामभद्राचार्य डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय स्थित श्रीराम शोध पीठ में आयोजित व्याख्यान में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. रवि शंकर सिंह ने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी, राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भूमि पूजन एवं शिलान्यास में उपस्थित रहना अयोध्या के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम का 500 सालों का वनवास समाप्त हुआ और अब वह टेन्ट की जगह भव्य मन्दिर में विराजमान होंगे।
कुलपति ने कहा कि डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में श्रीराम शोधपीठ का स्थापित होना हमारे लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि श्रीराम शोधपीठ में भगवान श्रीराम पर शोध का कार्य अनवरत चलता रहेगा। कुलपति ने कहा कि श्रीराम शोधपीठ में जो कमियां होंगी, उसे तत्काल दूर किया जाएगा। श्रीराम शोधपीठ के समन्वयक प्रो. अजय प्रताप सिंह ने कहा कि आज श्रीराम शोधपीठ में पद्म विभूषण जगतगुरू रामभद्राचार्य महाराज का आगमन हुआ यह हम सभी के लिए गौरव की बात है। प्रो. सिंह ने कहा कि भगवान श्रीराम के भूमि पूजन से अयोध्या के तीर्थ एवं पयर्टन को बढ़ावा मिलेगा।
कुलपति ने पद्म विभूषण जगतगुरू को स्मृति चिह्न देकर स्वागत किया
कुलपति प्रो. सिंह ने पद्म विभूषण जगतगुरू एवं विशिष्ट अतिथि श्रीराम वल्लभा कुंज के अधिकारी राजकुमार दास को स्मृति चिह्न देकर स्वागत किया। इस दौरान कुलसचिव उमानाथ, प्रो. विनोद श्रीवास्तव, प्रो. शैलेन्द्र कुमार, प्रो. सिद्धार्थ शुक्ल, डॉ. संग्राम सिंह, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. राना रोहित, डॉ. विनोद चौधरी, प्रो. आरके सिंह, डॉ. दिलीप सिंह, डॉ. सुधीर श्रीवास्तव, ओमप्रकाश सिंह, अवधेश यादव, कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष राजेश पाण्डेय, डॉ. राजेश सिंह, अनूप सिंह, विष्णु प्रताप यादव, डॉ. मोहन चन्द्र तिवारी, डॉ. आदित्य प्रकाश सिंह, अरुण प्रताप सिंह, कृतिका निषाद्, ज्योति सिंह, वल्लभी तिवारी, शारदा, दिव्यव्रत सिंह, रामजी सिंह, हरीराम, अखिलेश व अन्य मौजूद रहे।