रायपुर । कम्युनिस्ट पार्टी ने पेट्रोलियम पदार्थों की तेजी से बढ़ती कीमतों, बढ़ती महंगाई, रोजगार में गिरावट, राफेल सौदा घोटाला, रूपये की गिरती कीमत और देश में सांप्रदायिक उन्माद फैलाने की कोशिशों के खिलाफ 10 सितम्बर को आयोजित देशव्यापी हड़ताल को सफल बनाने की अपील की है आज यहां जारी एक बयान में माकपा राज्य सचिवमंडल ने कहा है कि तेल की बढ़ती कीमतों के कारण महंगाई तेजी से बढ़ रही है, इसके कारण कृषि उत्पादों की लागत बढ़ रही है, देश पुनः आर्थिक मंदी का शिकार हो रहा है और रोजगार के अवसर तेजी से घट रहे हैं |
रूपये की गिरती कीमत देश की अर्थव्यवस्था में तेजी से आ रही गिरावट का ही प्रतीक है. इन जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जनता का संघर्ष बढ़ रहा है और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य, किसानों की कर्जमुक्ति, न्यूनतम मजदूरी 18000 रूपये, आदिवासियों-दलितों-अल्पसंख्यकों के लिए संवैधानिक प्रावधानों को लागू करने जैसे मुद्दे राष्ट्रीय राजनीति में उभरकर सामने आ रहे हैं | लेकिन जब आम जनता संघर्ष के मैदान में उतर रही है, तो उनका ध्यान भटकाने के लिए देश में सांप्रदायिक उन्माद, नफ़रत और हिंसा का वातावरण बनाया जा रहा है, ताकि मोदी सरकार की सांप्रदायिक-तानाशाही की नीतियों को थोपा जा सके | माकपा राज्य सचिव संजय पराते ने कहा है कि मोदी सरकार ने जहां बैंकों से पूंजीपतियों द्वारा लिए गए 4 लाख करोड़ रुपयों से ज्यादा क़र्ज़ को बट्टे-खाते में डाल दिया है, वहीँ राफेल सौदे में घोटाले की सच्चाई सर चढ़कर बोल रही है | काले धन को सफ़ेद करने का खेल चल रहा है | लेकिन आम जनता की बुनियादी मांगों को और उन्हें राहत देने के किसी भी कदम को उठाने से इंकार किया जा रहा है | यही पतित पूंजीवाद है, जिसे देश की जनता पर थोपा जा रहा है | इसी पृष्ठभूमि में वामपंथी पार्टियों ने 10 सितम्बर को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है