पटना । पटना के ‘आसरा’ शेल्टर होम की दो युवतियों की मौत के बाद अचानक विवादों में आई मनीषा दयाल पर कानून का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। इधर कांनून के बढ़ते शिकंजे ने बिहार ही नहीं देश के कई नामचीन राजनेताओं की नींद उड़ा दी है। कहा तो ये भी जा रहा है कि मनीषा ने अगर मुंह खोल दिया तो कई अफसर के चेहरा का नकाब भी उतर जायेगा। हालांकि काफी पहले से ही तस्वीरें सामने आ रही थी, जिसमें मनीषा कई कई हाईप्रोफाइल लोगों के साथ नजर आती थी। लेकिन अब उस खूबसूरत हसीना का एक एक राज जैसे जैसे सामने आ रहा है कि अफसरों और राजनेताओं के साथ उसके गहरे ताल्लुकात के राज भी सामने आते जा रहे हैं। लिहाजा इस खुलासे से कई ऐसे सियासी बबंडर सामने आ सकते हैं। पटना से शेल्टर होम में दो महिलाओं की मौत को लेकर इसके संचालक चिरंतन कुमार और मनीषा दयाल गिरफ्तार कर लिया गया और सोमवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने इन दोनों को 3 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
उसके हाई प्रोफाइल लाइफ के पीछे के सच व आय के साधन से लेकर संपर्कों तक की पड़ताल की जा रही है। गिरफ्तारी के पहले तक मनीषा सालाना 70 लाख रुपये के बजट वाली स्वयंससेवी संस्था का संचालन कर रही थी।ऐसे में सवाल यह भी है कि आखिर कौन है मनीषा और कैसा रहा उसका एक साधारण लड़की से हाई-प्राेफाइल पॉवरफुल वुमन तक का सफर? आइए जानें…
मनीषा दयाल आसरा शेल्टर होम की सचिव के पद पर नियुक्ति थी. खूबसूरती और ग्लैमर का तड़का यानी मनीषा दयाल अनुमाया ह्यूमन रिसोर्स फाउंडेशन एनजीओ की डायरेक्टर थी जिसके अंतर्गत यह शेल्टर होम चल रहा था.प्राप्त जानकारी के मुताबिक कुछ साल पहले तक मनीषा दयाल राजधानी पटना के गलियारों में एक अनसुना नाम था मगर कुछ ही वक्त में उसने आसमान की बुलंदियों को छूना शुरू कर दिया.
जल्द नाम, शोहरत और पैसे कमाने की ललक में मनीषा दयाल ने सबसे पहले राजनीतिक गलियारों में अपनी पकड़ बनानी शुरू की. मनीषा के कई ठिकानों पर मंगलवार को भी पटना पुलिस ने छापेमारी की। पहले उसके बोरिंग रोड के कृष्णा अपार्टमेंट स्थित कॉरपोरेट आफिस की तलाशी ली गई। डीएसपी मनोज कुमार सुधांशु के नेतृत्व में मनीषा के आनंदपुरी स्थित एसएमएस विला अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 101 में छापेमारी हुई। पुलिस रिमांड पर लेकर मनीषा से पूछताछ कर रही है।
दो साल पहले पटना के मोइनुल हक स्टेडियम में मनीषा दयाल और उसके सहयोगी चिरंतन ने एक बड़े बिल्डर के सहयोग से कॉरपोरेट क्रिकेट लीग (सीसीएल) का आयोजन किया। यहां से वह पटना के पेज थ्री पार्टियों की जान बन गई। कई बड़े प्रशासनिक अधिकारी, बिजनेसमैन, महिला उद्यमियों, क्लडब की सदस्यों से उसकी यहां जान-पहचान बढ़ी।
वर्ष 1996 में मनीषा की शादी पटना सिटी के व्यवसायी राजीव वर्मा उर्फ राजू वर्मा से हो गई। दंपती को दो बच्चे भी हुए। पति का कपड़े का व्यवसाय है। शादी के बाद भी वह एनजीओ के लिए काम करती रही। राजनीतिक गलियारों में भी उसका आना-जाना लगा रहा। चैरिटी के नाम पर वह शहर में बड़े-बड़े आयोजन कराती। इसी दौरान उसकी नजदीकी पटना के निजी स्कूल संचालक के बेटे चिरंतन से बढ़ी।
बताया जा रहा है कि बिहार सरकार के कई नौकरशाह और अधिकारियों के कनेक्शन भी मनीषा दयाल से थे, जिसका फायदा उठाकर उसने पटना में पांच एनजीओ शुरू कर दिया.
मनीषा दयाल जिन 5 NGO को चलाती है उसके नाम हैं…
1. आसरा शेल्टर होम में वह सचिव के पद पर नियुक्त है.
2. अनुमाया ह्यूमन रिसोर्स फाउंडेशन जिसके तहत आसरा शेल्टर होम चलता है उस NGO की वह डायरेक्टर है.
3. आत्मा फाउंडेशन एनजीओ की बोर्ड में सदस्य है मनीषा दयाल.
4. भामाशाह फाउंडेशन ट्रस्ट NGO की कमेटी में सदस्य है मनीषा.
5. स्पर्श डी एडिक्शन हिंदी रिसर्च सोसाइटी NGO में काउंसलर के पद पर नियुक्त है मनीषा.