राजकोट
हार्ट अटैक एक जानलेवा स्थिति होती है जो आमतौर पर बड़ी उम्र या उम्रदराज लोगों में देखी जाती है। हालांकि, आपको जानकर हैरानी होगी कि बच्चों को भी हार्ट अटैक आ सकता है। जी हां, देवभूमि द्वारका और राजकोट में एक 12 साल के बच्चे को हार्ट अटैक आने का मामला सामने आया है। इसके साथ ही दो युवकों को 20’s की उम्र में हार्ट अटैक आया। पिछले कुछ महीनों में गुजराज में कम उम्र में लोगों को दिल का दौरा पड़ने के कई मामले सामने आए हैं।
द्वारका के विजापुर गांव में एक 12 साल के बच्चे की उसके ही घर में मौत हो गई। यह लड़का छठी क्लास में पढ़ता था और अपने घर के बरामदे में सुबह 5..30 बजे बेसुध पाया गया। लड़के के पिता ने बताया कि उनके बेटे को कोरोना की वैक्सीन नहीं लगी थी। वैसे तो बच्चों में हार्ट अटैक के मामले बहुत कम ही होते हैं लेकिन फिर भी मां-बाप को इसे लेकर चौकन्ना रहना चाहिए।
बच्चों में छाती में दर्द उठने के कारण
Healthychildren.org के अनुसार कई बच्चों को मस्कुलोस्केलेटल चेस्ट पेन की वजह से छाती में दर्द उठता है। यह दर्द छाती की मांसपेशियों और हड्डियों और उनके कनेक्शन से पैदा होता है। छाती की दीवारों की मांसपेशियों और नसों में ऐंठन होने पर छाती में दर्द हो सकता है। यह दर्द आता-जाता रहता है। इसके अलावा खांसी के दौरान भी छाती में दर्द की शिकायत हो सकती है। छाती की हड्डियों से जुड़े कार्टिलेज में सूजन की वजह से भी छाती में दर्द उठ सकता है।
इन संकेतों को नजरअंदाज न करें
अगर बच्चे को फिजिकल रूप से मेहनत, व्यायाम या कोई भी थका देने वाली एक्टिविटी करने के दौरान सीने में दर्द हो रहा है, सीने में दर्द और दबाव दूर नहीं हो रहा है, कई दिनों से लेकर हफ्तों तक एक्सरसाइज करने की क्षमता में कमी आ रही है और सीने में दर्द हो रहा है, सीने में दर्द के बाद बेहोश हो जाना, जन्मजात हृदय रोग के साथ पैदा हुए बच्चों में सीने में दर्द होना, अनुवांशिक कारण की वजह से हाई कोलेस्ट्रॉल वाले बच्चों में भी सीने में दर्द उठ सकता है।
क्या बच्चों को हार्ट अटैक आ सकता है
बच्चों को हार्ट अटैक आना आम बात नहीं है लेकिन अगर उनकी कोरोनरी आर्टरी असामान्य है या उन्हें हार्ट की मांसपेशियों से जुड़ी कोई बीमारी है, तो उन्हें हार्ट अटैक आने का खतरा रह सकता है।
हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी हृदय की मांसपेशियों की एक असामान्यता है जो इसे बहुत मोटी बना देती है। यह लगभग 200 में से 1 व्यक्ति में मौजूद होता है। यह न केवल मांसपेशियों को डैमेज करता है, बल्कि समय के साथ, यह हृदय को भी असामान्य हृदय गति के खतरे में डाल देता है, जो जीवन के लिए खतरा हो सकता है।
डॉक्टर के पास कब जाएं
अगर बच्चे को भोजन संबंधी समस्याएं हो रही हैं, वो थका हुआ रहता है, भूख कम लगने लगी है, चिड़चिड़ापन, दस्त, सांस लेने में दिक्कत, पसीना आने, उल्टी, हाइपोटेंशन और पल्स कमजोर होने की शिकायत है, तो बच्चे को तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाएं।