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सुप्रीम कोर्ट ने फ़िल्म में आंख मारने को नही माना गलत ,प्रिया प्रकाश वारियर को दी राहत और फटकारा मुकदमा दर्ज कराने वाले को

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मुंबई।एक्ट्रेस प्रिया प्रकाश वारियर के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने का केस दर्ज हुआ था। ये मला इतना बढ़ गया था कि बात सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंची। लेकिन हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस केस को रद्द कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने तेलंगाना और महाराष्ट्र के विभिन्न स्थानों पर दायर मुकदमों को निरस्त करने संबंधी अभिनेत्री प्रिया प्रकाश की याचिका स्वीकार कर ली। सूत्रों के अनुसार, न्यायालय ने प्रिया, मलयाली फिल्म ‘ओरु अदार लव’ के निर्देशक उमर अब्दुल वहाब के खिलाफ दर्ज मुकदमे निरस्त करने का आदेश देते हुए कहा कि फिल्म में आंख मारने के दृश्य से भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 295ए के प्रावधानों का कतई उल्लंघन नहीं होता है। न्यायालय ने कहा कि इससे संबंधित किसी भी आपराधिक मुकदमे की सुनवाई नहीं की जाएगी। मुख्य न्यायाधीश ने एक सरकारी वकील पर टिप्पणी की, ‘किसी व्यक्ति ने फिल्म में एक गाना गाया और आपके पास मुकदमा दर्ज करने के अलावा कोई और काम नहीं है।’ बता दें कि फिल्म का गाना ‘माणिक्य मलारया पूवी’ के रिलीज होने के साथ ही हैदराबाद में एक याचिका दायर की गयी थी और इसमें धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया था।

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मुंबई।एक्ट्रेस प्रिया प्रकाश वारियर के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने का केस दर्ज हुआ था। ये मला इतना बढ़ गया था कि बात सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंची। लेकिन हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस केस को रद्द कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने तेलंगाना और महाराष्ट्र के विभिन्न स्थानों पर दायर मुकदमों को निरस्त करने संबंधी अभिनेत्री प्रिया प्रकाश की याचिका स्वीकार कर ली। सूत्रों के अनुसार, न्यायालय ने प्रिया, मलयाली फिल्म ‘ओरु अदार लव’ के निर्देशक उमर अब्दुल वहाब के खिलाफ दर्ज मुकदमे निरस्त करने का आदेश देते हुए कहा कि फिल्म में आंख मारने के दृश्य से भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 295ए के प्रावधानों का कतई उल्लंघन नहीं होता है। न्यायालय ने कहा कि इससे संबंधित किसी भी आपराधिक मुकदमे की सुनवाई नहीं की जाएगी। मुख्य न्यायाधीश ने एक सरकारी वकील पर टिप्पणी की, ‘किसी व्यक्ति ने फिल्म में एक गाना गाया और आपके पास मुकदमा दर्ज करने के अलावा कोई और काम नहीं है।’ बता दें कि फिल्म का गाना ‘माणिक्य मलारया पूवी’ के रिलीज होने के साथ ही हैदराबाद में एक याचिका दायर की गयी थी और इसमें धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया था।

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