बीजापुर
बीजापुर में सड़क निर्माण का निरीक्षण करने गए एक इंजीनियर को नक्सलियों ने अगवा कर लिया. उनके साथ में एक चपरासी भी था. दोपहर एक बजे निकलने के बाद देर तक न लौटने पर उनकी तलाश की गई, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. अब इंजीनियर की तलाश में उनकी पत्नी अपने बच्चे को लेकर जंगल निकल पड़ी है. इतना ही नहीं, उन्होंने नक्सलियों से गुहार लगाई है कि वह उनके पति को सकुशल छोड़ दें.
बीजापुर में सड़क निर्माण का निरीक्षण करने गए एक इंजीनियर को नक्सलियों ने अगवा कर लिया. उनके साथ में एक चपरासी भी था. दोपहर एक बजे निकलने के बाद देर तक न लौटने पर उनकी तलाश की गई, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. अब इंजीनियर की तलाश में उनकी पत्नी अपने बच्चे को लेकर जंगल निकल पड़ी है. इतना ही नहीं, उन्होंने नक्सलियों से गुहार लगाई है कि वह उनके पति को सकुशल छोड़ दें.
जानकारी के अनुसार गुरुवार की दोपहर मनकेली गोरना गांव से सड़क निरीक्षण पर निकले सब इंजीनियर अजय रोशन लकड़ा और भृत्य लक्ष्मण परतागिरी को नक्सलियों ने अगवा कर लिया था, कल रात नक्सलियों ने भृत्य लक्ष्मण को रिहा कर दिया, लेकिन सब इंजीनियर अब भी नक्सलियों के कब्जे में है।
आज सुबह तक भी नक्सलियो द्वारा सब इंजीनियर अजय रोशन को रिहा नही करने के चलते सब इंजीनियर की धर्मपत्नी अर्पिता रोशन अपने पति को नक्सलियो से रिहाई के लिए स्थानीय मीडिया कर्मियों के साथ मानकेलि गोरना गांव के लिए रवाना हुई है। अर्पिता ने मनकेली गोरना इलाके में जाने से पहले मीडिया के माध्यम से नक्सलियों से अपील की है कि नक्सली उनके पति को रिहा करें और उन्हें किसी तरह का नुकसान न पहुंचाएं।
नक्सलियों ने प्यून को साइकिल देकर किया रिहा
बताया जा रहा है कि नक्सलियों ने बंधक बनाए गए प्यून लक्ष्मण परतगिरी को साइकिल दी और कहा अब तुम जाओ। लक्ष्मण ने सब इंजीनियर को भी छोड़ने को कहा लेकिन नक्सली नहीं मानें। सूत्र बतातें हैं कि इन दोनों का अपहरण करने के बाद नक्सली इन्हें अलग-अलग जगहों पर बंधक बना कर रखे हुए थे।

सड़क निर्माण का जायजा लेने गए थे दोनों
बीजापुर जिले के धुर नक्सल प्रभावित इलाके गोरना गांव में करोड़ों रुपए की लागत से सड़क निर्माण का काम चल रहा है। यह इलाका पूरी तरह से नक्सलियों का गढ़ है। इसी सड़क निर्माण काम का जायजा लेने के लिए गुरुवार को PMGSY के सब इंजीनियर अपने साथ विभाग के प्यून को लेकर गए थे। यहीं से नक्सलियों ने दोनों का अपहरण किया था।