भिलाई। पुलिस एनकाउंटर में मारे गए हिस्ट्रीशीटर अमित जोश को आठ गोलियां लगी थी। इसका खुलासा पोस्टमार्टम में हुआ है। बता दें कि दुर्ग पुलिस के साथ शुक्रवार शाम हुई मुठभेड़ में मारे गए हिस्ट्रीशीटर अमित जोश ने पुलिस पर आठ राउंड फायर किए। इस बीच दो गोलियां पुलिस वाहन में लगी। एक गोली गाड़ी चला रहे डीएसपी के पैर के पास से गुजरी, जिससे वे बाल-बाल बच गए। वहीं जवाबी फायरिंग में पुलिस की ओर से 16 राउंड फायर किया गया, जिसमें से आठ गोलियां बदमाश अमित जोश को लगी और वह वहीं ढेर हो गया।
एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने बताया कि अमित जोश के दुर्ग-भिलाई क्षेत्र में छिपे होने की सूचना दो दिनों से मिल रही थी। इसके चलते 7 व 8 नवंबर को होटल, लॉज, ढाबा, रेलवे स्टेशन की चेकिंग और नाकेबंदी के लिए सभी थाना चौकी को निर्देशित किया गया था। एसीसीयू की टीम को भी लगाया गया था। 8 नवंबर की शाम को सर्चिंग कर रही पुलिस टीम ने अमित जोश को जयंती स्टेडियम के पास देखा। पुलिस को देखकर अमित जोश स्टेडियम के पास स्थित जंगल की ओर भागने लगा।
पुलिस की टीम ने वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल इसकी सूचना दी। टीम ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाला। इस दौरान आरोपी अमित की ओर से 7 से 8 फायर किया गया। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की ओर से कुल 16 फायर किए गए, जिसमें 8 गोली सीधे अमित को लगी और वह मौके पर ही ढेर हो गया।
15 पुलिसकर्मियों ने ऑपरेशन को दिया अंजाम
करीब 15 पुलिस कर्मियों ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। सीएसपी भिलाई सत्यप्रकाश तिवारी ने बताया कि शनिवार को माले में अपराध एवं मर्ग कायम कर वैधानिक कार्रवाई शुरू कर दी गई है। एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट द्वारा पंचनामा कर डाक्टरों की टीम से अमित जोश के शव का पोस्टमार्टम कराया गया, जिसमें बदमाश अमित जोश की बॉडी से आठ गोली निकाली गई।